राजस्थान में कांग्रेस के भीतर पिछले 3 साल से जारी अंदरूनी कलह आज खुलकर सामने आई। दरअसल आज मंगलवार को कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर खुलकर निशाना साधा। सचिन पायलट ने गहलोत का नाम लिए बिना कहा कि सीएम की नेता सोनिया गांधी नहीं वसुंधरा राजे हैं। गौरतलब है कि वसुंधरा राजे के कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार की जांच को लेकर धरना देने पर कांग्रेस के कई नेताओं ने सचिन पायलट के खिलाफ नाराज़गी जताई थी।
उल्लेखनीय है कि अशोक गहलोत ने हाल ही में कहा था कि भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कारण उनकी सरकार बची थी। इसी को लेकर सचिन पायलट ने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का धौलपुर का भाषण सुना, उसे सुनकर ऐसा लगता है कि उनकी नेता सोनिया गांधी नहीं, वसुंधरा राजे हैं। एक तरफ यह कहा जा रहा है कि हमारी सरकार को गिराने का काम भाजपा कर रही थी, दूसरी तरफ कहा जाता है कि हमें बचाने का काम वसुंधरा राजे कर रही थी। आप कहना क्या चाहते हैं, आपको स्पष्ट करना चाहिए। सीएम के बयानों में विरोधाभास है। वे अपने ही नेताओं को बदनाम कर रहे हैं।
पायलट ने कहा कि राज्य में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ मैंने कार्रवाई करने की मांग की और धरने भी दिए इसके बाद भी सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई कोर्रवाई नहीं की। अब मुझे समझ में आ गया है कि मुख्यमंत्री जी ने भ्रष्ट लोगों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सचिन पायलट ने बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा है कि वे 11 मई को अजमेर से जनसंघर्ष यात्रा की शुरुआत करेंगे। 125 किलोमीटर लंबी यह यात्रा राजधानी जयपुर में समाप्त होगी। यात्रा भ्रष्टाचार के खिलाफ होगी. इस यात्रा के बाद कोई दूसरा फैसला लिया जाएगा। यह यात्रा किसी नेता के खिलाफ नहीं है। हम जनता के बीच जाएंगे और लोगों की समस्याओं को सुनेंगे। गहलोत के इस दावे के बाद राज्य में सियासी घमासान तेज हो गया है।
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