अखिलेश यादव ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का न्योता ठुकराया,कही ये बात…   

विश्व हिन्दू परिषद नेता आलोक कुमार द्वारा दिए जाने वाले आमंत्रण को स्वीकारने से इंकार कर दिया   

अखिलेश यादव ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का न्योता ठुकराया,कही ये बात…   

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पहले राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में न्योता मिलने पर जाने की बात कर रहे थे ,लेकिन जब उन्हें आमंत्रण मिला तो उसे ठुकरा दिया। अखिलेश यादव को विश्व हिन्दू परिषद नेता आलोक कुमार जब राम मंदिर प्रतिष्ठा का आमंत्रण देने अखिलेश यादव उसे स्वीकार करने से इसलिए इंकार कर दिया। इतना ही नहीं अलोक कुमार और अखिलेश यादव में तीखी बहस भी हुई।         

इस संबंध में अलोक कुमार ने बताया कि जब विश्व हिंदू परिषद ने अखिलेश यादव से  निमंत्रण को लेकर संपर्क किया तो उन्होंने इसे स्वीकार करने से इंकार कर दिया। कहा जा रहा है कि अखिलेश यादव का कहना था कि वे किसी अजनबी से निमंत्रण पत्र स्वीकार नहीं करेंगे। अलोक कुमार ने कहा कि हमने अखिलेश यादव का पहले कहा था कि अगर उन्हें निमंत्रण मिलता है तो वह समारोह में जाएंगे। इसलिए उन्हें निमंत्रण भेजा गया। लेकिन अब अखिलेश यादव कह रहे हैं कि भगवान राम बुलाएंगे तो वह जरूर जाएंगे, अगर ऐसे में अखिलेश यादव अयोध्या नहीं आते हैं तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि भगवान राम भी चाहते हैं कि वे न आएं। 

 बताया जा रहा है कि जब विश्व हिन्दू परिषद की ओर से जब अलोक कुमार ने उन्हें न्योता देने गए तो उन्होंने कहा कि वे अलोक कुमार को नहीं जानते हैं। निमंत्रण वे देते हैं जो एक दूसरे को जानते हैं। बता दें कि अयोध्या में बन रहे राम मंदिर का उद्घाटन और राम लला का प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को किया जाएगा। इस कार्यक्रम में देशभर की प्रमुख हस्तियों को आमंत्रित किया गया है। पीएम मोदी भी इस समारोह में शामिल होंगे। 

वहीं, समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने अयोध्या में कारसेवकों पर चलाई गई गोली को जायज ठहराया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने कानून व्यवस्था और अमन चैन के लिए गोली चलवाई, अपना कर्तव्य निभाया। गौरतलब है कि मौर्य कई बार हिन्दू धर्म, हिंदुत्व और रामचरित पर लगातार विवादित टिप्पणी करते हैं। जिससे समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश ने ऐसे बयानों लगाम लगाने की बात कही थी ,लेकिन बेलगाम मौर्य लगातार विवादित टिप्पणी करते रहे हैं। बता दें कि, कारसेवकों पर तब के मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने 1990 में गोली चलवाई थी। जब कारसेवक साधु संतों की अगुवाई राम मंदिर की ओर बढ़ रहे थे। तब मुलायम सिंह यादव ने पुलिस को गोली चलाने का आदेश दिया था।  

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