कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे से डरी हुई है और इसलिए 1 मई की औरंगाबाद रैली के लिए ‘शर्तों का उल्लंघन’ करने के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है। निरुपम ने कहा, महाराष्ट्र पुलिस ने औरंगाबाद में रैली के लिए 16 शर्तें रखी थीं, जिनमें से उन्होंने 12 का उल्लंघन किया। राज ठाकरे के खिलाफ दो अदालतों से गैर-जमानती वारंट हैं। मुंबई पुलिस कुछ क्यों नहीं कर रही है? राज्य सरकार राज ठाकरे से डरी हुई प्रतीत होती है।
राज ठाकरे ने 1 मई को औरंगाबाद में एक रैली के दौरान लाउडस्पीकर के मुद्दे पर उद्धव ठाकरे सरकार को लताड़ा था। उन्होंने मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने के लिए 4 मई की समय सीमा तय की थी। उन्होंने यह भी धमकी दी थी कि “यदि राज्य सरकार समय सीमा के भीतर कार्रवाई नहीं करती है तो उनकी पार्टी के कार्यकर्ता मस्जिदों के सामने ‘अज़ान’ से तेज आवाज में हनुमान चालीसा बजाएंगे।
कांग्रेस नेता ने रैली के लिए शर्तों के उल्लंघन के लिए मनसे प्रमुख की गिरफ्तारी की मांग करते हुए कहा कि उन्हें राज्य में सांप्रदायिक तनाव को भड़काने से रोकना आवश्यक है। संजय निरुपम ने मुंबई पुलिस द्वारा मनसे प्रमुख के खिलाफ ‘कार्रवाई नहीं करने पर निराशा व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि कानून के शासन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
वही, कई मनसे कार्यकर्ताओं को कथित तौर पर हनुमान चालीसा बजाने के लिए मस्जिदों के बाहर लाउडस्पीकर लगाने की कोशिश करने के आरोप में हिरासत में लिया गया था|
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