शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के सांसद संजय राऊत द्वारा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के दावोस दौरे की आलोचना पर बालासाहेब कि शिवसेना के प्रवक्ता नरेश म्हस्के ने जोरदार पलटवार किया है।म्हेस्के ने कहा की राऊत भूल गए आदित्य ठाकरे में निवेश के लिए दावोस गए थे। म्हस्के ने कहा की राऊत ऐसे भोंपू हैं जो रोज सुबह 9 बजे बजना शुरू हो जाते हैं। उन्हे आरोप लगाने से पहले दस्तावेजों की जांच करनी चाहिए।
राज्य सत्र से बाहर परियोजना जाने के लिए कौन जिम्मेदार है। शिंदे गुट के प्रवक्ता ने कहा की अपनी ही पार्टी को बेचने वाले का जल्द पत्ता कट जाएगा। ठाणे के पूर्व महापौर म्हस्के ने कहा की कोरोना के समय डॉक्टर और नर्स ही थे जिन्होंने महाराष्ट्र को बचाया। आपके मुख्यमंत्री ढाई साल से क्वारंटीन थे। उन्होंने राऊत को सलाह दी की ज्यादा हवा में मत उड़ो।
बाते दे की विश्व आर्थिक मंच यानी डब्ल्यूईएफ का स्विटजरलैंड के दावोस में 16 जनवरी से सम्मेलन शुरू हुआ है। इसने हिस्सा लेने के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी गए हैं। भारत की तरफ से इसमें चार केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया, अश्विनी वैष्णव, स्मृति इरानी और आरके सिंह के अलावा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे शामिल हो रहे हैं। कई अधिकारी और उद्यमी भी भारतीय प्रतिनिधिमंडल में मौजूद होंगे।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और कर्नाटक के बासवराज बोम्मई भी सम्मेलन में जाने वाले थे, लेकिन अब उनके भाग लेने की संभावना नहीं है। राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा, तेलंगाना के मंत्री केटी रामाराव और तमिलनाडु के मंत्री थंगम थेनारासु दावोस पहुंच चुके हैं. कारोबारी जगत के दिग्गजों में गौतम अदाणी, संजीव बजाज, कुमार मंगलम बिड़ला, एन चंद्रशेखरन, नादिर गोदरेज, सज्जन जिंदल, सुनील मित्तल, रोशनी नादर मल्होत्रा, नंदन नीलेकणि, अदार पूनावाला, रिषद प्रेमजी के बैठक में शामिल होने की संभावना है।
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