कलकत्ता उच्च न्यायलय से ममता बनर्जी के नेतृत्व में चलने वाली तृणमूल सरकार को बड़ा झटका लगा है। कलकत्ता उच्च न्यायलय ने 16 फरवरी को बर्धमान में सरसंघचालक मोहन भागवत की जनसभा को अनुमति दी है। इस जनसभा के लिए ममता बॅनर्जी सरकार के दबाव में पुलिस परमिशन नहीं मिल रही थी। पुलिस द्वारा जनसभा के विरोध में के लिए 10वीं बोर्ड परीक्षाओं का हवाला दिया जा रहा था। मामले के कोर्ट में पहुंचते ही कलकत्ता हाईकोर्ट ने मोहन भागवत की जनसभा को अनुमति दी।
बता दें की सरसंघचालक मोहन भागवत 6 फरवरी से पश्चिम बंगाल के दौरे पर है। वह शुक्रवार (14 फरवरी) को बर्धमान में संघ के नए प्रांत कार्यालय का उद्घाटन करने वाले हैं। विवाद 16 फरवरी को होने वाली उनकी जनसभा को लेकर था, जिसको पुलिस की तरफ से अनुमति नहीं दी जा रही थी।
बर्धमान पुलिस ने 10वीं की परीक्षा के मद्देनजर लाउडस्पीकर के इस्तेमाल का कारण आगे कर पाबंदी की बात की थी। उच्च न्यायलय में पुलिस ने कहा, प्रस्तावित सभा स्थल के पास एक स्कूल है, जिससे विद्यार्थियों की परीक्षा प्रभावित हो सकती है। हालांकि, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने तर्क दिया कि जनसभा रविवार को होनी है, इसलिए परीक्षा में किसी तरह की कोई भी बाधा नहीं आएगी। संघ ने पुलिस के फैसले को चुनौती देते हुए उच्च न्यायलय में याचिका दायर की, जिस पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सभा की अनुमति दे दी।
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कलकत्ता उच्च न्यायलय की न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा की पीठ ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को रैली की अनुमति दे दी है। हालांकि, आयोजकों को कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। पहली शर्त यह होगी कि जनसभा में उपस्थित भीड़ की संख्या सीमित होनी चाहिए, जिससे कानून व्यवस्था ख़राब न हों। दूसरी शर्त यह है कि लाउडस्पीकर की आवाज भी नियंत्रित रहनी चाहिए। साथ ही पीठ ने इस बात को माना कि प्रस्तावित रैली के दिन रविवार को कोई परीक्षा नहीं है।