महाराष्ट्र के किसानों को मिलने वाली मुफ्त बिजली से नाराज़ शरद पवार !

किसानों को मिलने वाली फ्री की बिजली पर किसी समय केंद्र में कृषि मंत्री रह चुके एनसीपी के नेता शरद पवार ने टीका-टिप्पणी की है। उनके दिए हुए तर्क के बाद उन पर सोशल मीडिया से लेकर डिजिटल मीडिया में टिका की जा रही है।

महाराष्ट्र के किसानों को मिलने वाली मुफ्त बिजली से नाराज़ शरद पवार !

Sharad Pawar angry over free electricity provided to farmers of Maharashtra!

महाराष्ट्र में हाल ही के अधिवेशन में अजित पवार ने महायुती सरकार की तरफ से बजट पेश किया। इस बजट में कई महत्वपूर्ण पॉलिसी और योजनाओं का जिक्र किया गया। उसमें से एक महत्वपूर्ण निर्णय महाराष्ट्र के किसानों को मुफ्त में बिजली देने का भी था।

किसानों को मिलने वाली फ्री की बिजली पर किसी समय केंद्र में कृषि मंत्री रह चुके एनसीपी के नेता शरद पवार ने टीका-टिप्पणी की है। उनके दिए हुए तर्क के बाद उन पर सोशल मीडिया से लेकर डिजिटल मीडिया में टिका की जा रही है।

दरसल शरद पवार ने तर्क दिया है की, अगर किसानों को मुफ्त बिजली दी जाए तो वे पानी के पम्प खुले छोड़ देंगे, जिससे काफी पानी बर्बाद होगा। साथ ही में उपजाऊ जमीन बंजर से बर्बाद हो जाएगी। उनका कहना है की भविष्य को बेहतर करना है तो मुफ्त की योजनाओं के निर्णय लेना सही नहीं है, उन योजनाओं का दुर्व्यवहार किया जाता है।

दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर लोगों ने कहना शुरू कर दिया है की, शरद पवार ने हमेशा से किसानों के हिट में लिए निर्णयों का विरोध किया है। कइयों ने शरद पवार को ‘एक्स’ पर टैग करते हुए पूछा है की क्या गरीब किसानों को मुफ्त में बिजली और बिजली के बिलों में राहत ना मिले यही उनका विचार तो नहीं? कुछ विरोधी ट्विटर हैंडल ने कहा है की, जब शरद पवार कृषि मंत्री थे तब भी वे किसानों के विरोध में निर्णय लिया करते अथवा हितों निर्णयों का विरोध करते।

लोगों ने 2004 से 2014 तक शरद पवार केंद्र की सत्ता के भागीदार थे तबसे उनके लिए गए उनके सभी किसान विरोधी निर्णय गिनवाने में जुट गए है। लोगों ने याद दिलवाया कैसे केंद्र की सरकार ने सहकारी शक़्कर उत्पादन करने वाले कारखानों के आयकर लगाने के निर्णय लेने के बाद एडवांस टैक्स का बोझ उन कारखानों मढ़ दिया था। इस पर न्याय मांगने के लिए किसानों और कारखानों ने शरद पवार के पास कई बार गुहार लगाई, जिस पर उन्होंने कभी भी ठोस भूमिका नहीं ली।

शरद पवार के कृषि मंत्री होते हुए केंद्र सरकार ने कभी भी पेट्रोल में दस प्रतिशत का इथेनॉल ब्लेंड करने का निर्णय नहीं लिया, जिससे किसानों का फायदा होता। अब शरद पवार ने किसानों को मुफ्त में मिलने वाली बिजली पर अपना अजीब तर्क देते हुए विरोधकों को हमले का न्यौता दिया है।

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