शरद पवार: संख्याबल से तय होगा मुख्यमंत्री; उद्धव ठाकरे के सपने चूर?

शरद पवार के इस बयान को उद्धव ठाकरे के लिए एक झटके की तरह देखा जा रहा है।

शरद पवार: संख्याबल से तय होगा मुख्यमंत्री; उद्धव ठाकरे के सपने चूर?

Sharad Pawar: Chief Minister will be decided by numbers; Uddhav Thackeray's dreams shattered?

राष्ट्रवादी कोंग्रेस पार्टी शरद पवार गुट के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा है की जिसका संख्याबल अधिक होगा उसकी पार्टी का ही मुख्यमंत्री बनेगा। शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने कहा है की उनके लिए पद नहीं जनता की सेवा मायने रखता है। आपको बता दें, शिवसेना UBT के प्रमुख उद्धव ठाकरे महाविकास आघाडी के सीएम फेस की घोषणा करे को लेकर काफी आग्रही थे।

जिस पर शरद पवार ने बयान देकर कहा है मुख्यमंत्री पद के चेहरे की घोषणा करने की फ़िलहाल कोई आवश्यकता नहीं है, संख्याबल के अनुसार इसपर विचार किया जाएगा। ऐसा अनेकों बार किया गया है, सरकार का नेतृत्व कौन करेगा इस पर निर्णय नतीजों के बाद संख्या देखकर लिया जाता है। फ़िलहाल कुछ भी तय नहीं हुआ है। बहुमत नहीं है केवल बहुमत का वातावरण है ऐसे में निर्णय लेने की कोई आवश्यकता नहीं है। शरद पवार के इस बयान को उद्धव ठाकरे के लिए एक झटके की तरह देखा जा रहा है।

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दरसल महाराष्ट्र में कुछ ही दिनों में चुनाव लगने की उम्मीद जताई जा रही है। ऐसे में महाराष्ट्र में महाविकास आघाडी के मुख्यमंत्री का चेहरा शिवसेना से हो इस इच्छा के साथ उद्धव ठाकरे दिल्ली तक जा आए लेकीन, वहां भी उन्हें सफलता नहीं मिली। साथ ही उद्धव ठाकरे ने कई बार महाविकास अघाड़ी के बाकी सदस्य पार्टियों को चुनाव में मुख्यमंत्री चेहरा घोषित करने की मांग भी की है।

शिवसेना के विभाजन के बाद उद्धव ठाकरे गुट के प्रमुख उद्धव ठाकरे इन दिनों बड़े मुश्किलों से गुजर रहें है। 2019 में भाजपा के इख्तिलाफ के बाद अचानक से मुख्यमंत्री बनाए गए उद्धव ठाकरे के इस्तीफा देने से महाविकास अघाड़ी की सरकार को मुंह की खानी पड़ी थी। बताया जा रहा है इसी बात से सहयोगी दल उनसें नाराज भी है।

राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है उद्धव ठाकरे को आक्रामाक भाषण और जनता की संवेदना जुटाने में महारथ हासिल है, उनके पिता स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे की भाषाण शैली की देन उन्हें मिली है। लेकिन उन्हें प्रशासन, अर्थनीति, संगठनात्मक रणनीति और दूरगामी राजनीती नहीं समझ आती। साथ ही में पार्टी संभालने के बाद उन्होंने पार्टी में उनसें कद्दावर नेताओं को हमेशा दबाने का काम किया जिससे पार्टी की कमान संभालने के लिए संगठन में नेताओं की भारी किल्लत है। हालांकि 2024 के लोकसभा चुनावों में उद्धव ठाकरे गुट ने अपेक्षा से ज्यादा संख्या जुटाई है लेकिन, यह केवल शिवसेना के पुराने वोटरों की दयाभाव और कांग्रेस की वोटबैंक का नतीजा रहा है।

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लोकसभा चुनावों में कांग्रेस और पवार गुट को महाराष्ट्र में मिली सफलता में उद्धव ठाकरे गुट के होने से कुछ सीटे कम ही मिलीं है, जिसके चलते तीनों पार्टियों में शीतयुद्ध देखा जा सकता है। ऐसे में तीनों पार्टियों में उम्मीदवारों की संख्या पर भी खींच तान होने की संभावना है। ‘मुख्यमंत्री संख्याबल से तय होगा’ शरद पवार का यह बयान इसी बीच आग में घी का काम करने वाला है।

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