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Friday, September 20, 2024
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शरद पवार का दावा,कांग्रेस की पुरानी मित्र है शिवसेना,किसने वचन निभाया

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मुंबई। प्रखऱ हिंदुत्व की राजनीति करने वाले शिवसेना प्रमुख बाला साहेब ठाकरे हमेशा छद्म निरपेक्षता की राजनीति करने वाली कांग्रेस के धुर विरोधी रहे पर अब सत्ता की लालच में शिवसेना की कांग्रेस से मित्रता कराने वाले एनसीपी अध्यक्ष शऱद पवार दावा कर रहे हैं कि कांग्रेस-शिवसेना पहले से एक दूसरे के करीब रहे हैं। अपनी पार्टी एनसीपी के 22वें स्थापना दिवस के मौके पर पवार ने कहा कि शिवसेना के साथ हमने कभी काम नहीं किया, लेकिन महाराष्ट्र में शिवसेना को हम काफी सालों से देख रहे हैं और उस पर भरोसा किया जा सकता है।

जनता पार्टी के सत्ता में आने के बाद जब चुनाव में हर जगह कांग्रेस की हार हुई, तो शिवसेना कांग्रेस के समर्थन में आगे आई। इस चुनाव में इंदिरा गांधी की मदद के लिए शिवसेना ने विधानसभा चुनाव में एक भी उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया। पार्टी का कोई नेता कभी ऐसा फैसला लेता हैं? इस पर आप विचार कीजिए, लेकिन बालासाहेब ने इसकी कभी चिंता नहीं की। उन्होंने इंदिरा गांधी से शिवसेना के चुनाव नहीं लड़ने का अपना वचन निभाया। इसलिए चाहे कोई कुछ भी बोले, शिवसेना अपनी भूमिका निभाएगी।

भरोसेमंद है शिवसेना, पांच साल चलेगी सरकार
एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार ने गुरुवार को कहा कि महाराष्ट्र में महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी। उन्होंने सहयोगी दल शिवसेना की प्रशंसा करते हुए कहा कि उस पर भरोसा किया जा सकता है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की मंगलवार को नयी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात और पवार की पिछले सप्ताह भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की पृष्ठभूमि में राकांपा अध्यक्ष के ये बयान आये हैं।पवार ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र विकास आघाड़ी अगले विधानसभा और लोकसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करेगा। उन्होंने संकेत दिया कि तीनों दल 2024 में होने वाले चुनाव साथ में लड़ सकते हैं।

उन्होंने कहा कि संशय पैदा किया जा रहा है कि राज्य सरकार कितने समय तक चल पाएगी। पवार ने कहा, ‘‘लेकिन शिवसेना ऐसा दल है जिस पर भरोसा किया जा सकता है। बालासाहब ठाकरे ने इंदिरा गांधी के प्रति अपने वचन का सम्मान किया था। सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी और अगले लोकसभा तथा विधानसभा चुनावों में भी अच्छा प्रदर्शन करेगी।’’ पवार ने कहा, ‘‘हमने अलग-अलग विचारधाराओं वाले दलों की सरकार बनाई। हमने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन शिवसेना के साथ सरकार बनाएंगे क्योंकि हमने कभी मिलकर काम नहीं किया था। लेकिन अनुभव अच्छा है और तीनों दल कोविड-19 महामारी के दौरान मिलकर बेहतर काम कर रहे हैं।

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