एनसीपी प्रमुख शरद चंद्र पवार ने आखिरकार विधानसभा नतीजे पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। शरद पवार आज कराड दौरे पर हैं| इस दौरे के दौरान उन्होंने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की और अपना पक्ष रखा| इस चुनाव में शरद पवार की एनसीपी को सिर्फ 10 सीटों पर जीत मिली है| खासकर चुनाव से पहले कई लोगों ने भविष्यवाणी की थी कि शरद पवार की पार्टी महाविकास अघाड़ी में सबसे बड़ी पार्टी बन सकती है,लेकिन चुनाव नतीजों में उनकी पार्टी सबसे छोटी पार्टी बन गई है|
नतीजे घोषित होने के बाद शरद पवार ने कल पूरे दिन अपना पक्ष नहीं रखा| तो शरद पवार क्या कहेंगे? इसको लेकर लोगों में उत्सुकता बढ़ी हुई थी|आख़िरकार शरद पवार ने अपना पक्ष रखा है|“यह निर्णय वह नहीं है जिसकी हमें उम्मीद थी। अंततः यह लोगों का निर्णय है, इसलिए जब तक मेरे पास कोई आधिकारिक जानकारी नहीं आ जाती, मैं वर्तमान व्यवस्था पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहा हूँ।
उन्होंने कहा, फैसला जनता ने किया| वह कई वर्षों से सार्वजनिक जीवन में हैं। ऐसा निर्णय कभी नहीं लिया गया था| अब अगर यह आता है तो इसका अध्ययन करना है, इसके कारणों को ढूंढना है, यह समझना है कि वास्तव में यह क्या है और एक बार फिर से जाकर लोगों के बीच नए उत्साह के साथ खड़े होना है। मैं और मेरे सहकर्मी तय करेंगे कि क्या करना है।’
माविआ की हार का कारण क्या है?: शरद पवार ने कहा”लोगों से कार्यकर्ताओं से जो जानकारी मिल रही है, मेरी ‘लाडली बहना’ योजना की बात लोगों से सुनने को मिल रही है| यह एक महत्वपूर्ण कारण है| कुछ राशि सीधे महिलाओं की जेब में दी गई। इसका प्रचार भी किया गया, हम ढाई माह से राशि का भुगतान कर रहे हैं| उन्होंने कहा कि अगर हम सत्ता में नहीं हैं तो यह बंद है|महिलाओं को चिंता थी कि यह बंद हो जायेगा| इसलिए, प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि इन महिलाओं ने हमारे खिलाफ मतदान किया”।
‘मैंने ईवीएम के बारे में कुछ सहकर्मियों की राय सुनी, लेकिन…’: ”मौजूदा आंकड़े बताते हैं कि महिलाओं का मतदान प्रतिशत 2.1 प्रतिशत बढ़ा है। लोकसभा चुनाव में जिस तरह की भूमिका लोगों ने निभाई| थोड़ा और लोगों ने हम पर विश्वास किया| उस अधिक आत्मविश्वास के कारण, उन्होंने यथासंभव प्रचार करने का प्रयास किया। अधिक प्रभावी प्रचार की आवश्यकता थी। मैंने पूरे राज्य में यात्रा की| वहां कांग्रेस और उद्धव ठाकरे के उम्मीदवार भी थे, जहां हमारा प्रत्याशी था, वहां दूसरे दलों के कार्यकर्ता दौड़ रहे थे| सभी ने कड़ी मेहनत की, लेकिन नतीजा हमारे ख़िलाफ़ गया”।
उन्होंने कहा, ईवीएम के संबंध में मेरे पास इसकी कोई प्रामाणिक जानकारी नहीं है| तब तक मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा| लोग कहते हैं कि पैसा इतना बांटा गया है जितना पहले कभी नहीं बांटा गया”।
यह भी पढ़ें-
जरांगे फैक्टर हुआ बेअसर?, ‘न भूतो न भविष्यति’ महायुति कैसे हुई हावी !