विधान परिषद की कार्यवाही शुरू होने के कुछ देर बाद ही समाप्त हो गई| नए मंत्रियों का परिचय कराने के बाद शेकाप के जयंत पाटिल ने विधान परिषद अध्यक्ष नीलम गोरे के समक्ष आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष महोदया आपके खिलाफ आपत्ति है| जयंत पाटिल ने कहा है कि सदन चलाने के दौरान जो लोग इस पद पर बैठे, उनके पास कोई पार्टी नहीं थी| विधान परिषद के सभापति की पार्टी सदस्यता चली जाती है| शेकाप के जयंत पाटिल ने भी भाजपा नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि हम कोर्ट नहीं जाएंगे क्योंकि यह आपके लिए आसान है| जैसे ही नीलम गोरे शिवसेना में शामिल हुईं, जयंत पाटिल ने उनके अध्यक्ष पद पर आपत्ति जताई।
क्या कहा देवेन्द्र फडणवीस ने?: इसके बाद प्वाइंट ऑफ ऑर्डर के जरिए देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि स्पीकर के खिलाफ कभी भी इस तरह की आपत्ति नहीं की जा सकती| इसके कुछ नियम हैं| यदि यह नियमों के अंतर्गत फिट बैठता है तो ही आपत्तियां की जा सकती हैं। अत: यह आपत्ति स्वीकार नहीं की जा सकती। स्पीकर से मेरा अनुरोध है कि आज जब शोक प्रस्ताव जैसा महत्वपूर्ण प्रस्ताव हो तो कोई भी गैरकानूनी काम नहीं किया जा सकता| इसलिए, देवेन्द्र फडणवीस ने नीलम गोरे द्वारा उठाई गई आपत्ति को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि माननीय सदस्य द्वारा उठाई गई आपत्ति पर सदस्यों को नोटिस दिए बिना कार्रवाई नहीं की जा सकती। इसके बाद नीलम गोरे खुद बोलने के लिए खड़ी हुईं|
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