राज्यपाल के बयान से शिंदे समूह आक्रामक है करेगा केंद्र से शिकायत
केसरकर ने कहा कि राज्यपाल का यह बयान राज्य का अपमान है। राज्यपाल एक संवैधानिक पद है। मुख्यमंत्री के पास उनके संबंध में केंद्र सरकार को पत्र लिखने का अधिकार है। केंद्र की ओर से उन्हें ऐसे बयान दोबारा देने से रोकने के लिए कहा जा सकता है। मुंबई एक महानगरीय शहर है, जिसमें कई समुदायों का योगदान है।
Team News Danka
Updated: Sat 30th July 2022, 11:33 AM
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी द्वारा एक कार्यक्रम में भाग लेते हुए मुंबई और ठाणे के विकास और विशेष रूप से मुंबई को देश की वित्तीय राजधानी बनाने में राजस्थानी-गुजराती समुदायों का योगदान को उल्लेखनीय बताया गया है। राज्यपाल के इस बयान के बाद शिवसेना और मनसे की ओर से तीव्र आलोचना की जा रही है| मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के समूह के मुख्य प्रवक्ता दीपक केसरकर ने भी इस पर नाराजगी जताई है| केसरकर ने बताया कि एकनाथ शिंदे इस संबंध में केंद्र सरकार से शिकायत करेंगे|
केसरकर ने कहा कि राज्यपाल का यह बयान राज्य का अपमान है। राज्यपाल एक संवैधानिक पद है। मुख्यमंत्री के पास उनके संबंध में केंद्र सरकार को पत्र लिखने का अधिकार है। केंद्र की ओर से उन्हें ऐसे बयान दोबारा देने से रोकने के लिए कहा जा सकता है। मुंबई एक महानगरीय शहर है, जिसमें कई समुदायों का योगदान है।
यह सच है कि सबसे बड़ा हिस्सा मराठी लोगों का है। गुजराती-राजस्थानी दो समुदाय क्यों हैं, पारसियों का योगदान औद्योगिक क्षेत्र में है। दीपक केसरकर ने कहा कि एक सामुदायिक कार्यक्रम में जाने के बाद वे अपने योगदान के बारे में बात करना चाहते हैं, लेकिन अगर वे पैसे निकालते हैं, तो मुंबई में कुछ नहीं बचेगा।
दीपक केसरकर ने कहा कि आरबीआई समेत कई बैंकों का मुख्यालय होने के कारण मुंबई देश की आर्थिक राजधानी बन गई। पहले यह फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि कुल टैक्स का 40 प्रर्तिशत मुंबई से आ रहा था, लेकिन इसमें एक समुदाय नहीं बल्कि सभी समुदाय योगदान दे रहे हैं|पंजाबी, मारवाड़ी भी हैं। वस्तुतः कुछ लोग यहां लाठी-डंडे लेकर आए थे, उन्हें आश्रय दिया गया और मुंबई में पाला गया। लेकिन कोई बाहरी निवेश लेकर यहां नहीं आया है|