शिवसेना में खड़ी विभाजन के बाद, बागी विधायकों के नेता एकनाथ शिंदे 40 विधायकों के समर्थन के आधार पर भाजपा की मदद से मुख्यमंत्री बने। राज्य में भाजपा और शिंदे गुट की सरकार बनने के कुछ ही हफ्तों के भीतर शिवसेना के 18 में से 12 सांसद भी शिंदे गुट में शामिल हो गए। इतना ही नहीं राहुल शेवाले को लोकसभा में शिवसेना के समूह नेता का पद भी मिला। इन घटनाक्रमों के बाद अब पहली बार केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने शिंदे समूह को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है।
शिंदे समूह के एक सांसद को केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त की जाने वाली संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष के रूप में नामित किया गया है। शिंदे समूह के सांसद प्रतापराव जाधव को अध्यक्ष बनाया गया है। राज्य में सत्ता हस्तांतरण और शिंदे समूह में शामिल होने के बाद यह पहला मौका है जब मोदी सरकार ने शिंदे समूह को इतनी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है|
30 साल से अधिक समय से शिवसेना में रहे प्रतापराव जाधव ने जुलाई के महीने में शिंदे समूह में शामिल होने का फैसला किया। कहा जाता है कि बुलढाणा जिले की राजनीति प्रतापराव जाधव के नाम के इर्द-गिर्द घूमती है| प्रतापराव जाधव एक महान नेता के रूप में जाने जाते हैं। वे लगातार तीन बार विधानसभा और लोकसभा के लिए चुने गए हैं। 1989 से उन्होंने बुलढाणा जिले में शिवसेना की स्थापना में प्रमुख भूमिका निभाई है।
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