राज्यसभा चुनाव के लिए 24 साल बाद मतदान की नौबत आने के बाद शिवसेना अपने छठे उम्मीदवार की जीत के लिए एक-एक वोट जोड़ने में लगी है। दो विधायकों वाली पार्टी समाजवादी पार्टी (सपा) के वोट के लिए पार्टी के नेता उनकी मिन्नतें कर रहे हैं। मंगलवार को शिवसेना नेता व राज्य के परिवहन मंत्री अनिल परब ने सपा विधायक रईस शेख से मुलाकात कर राज्यसभा के लिए सपा का वोट मांगा पर शेख ने वोट के लिए एक शर्त उनके सामने रख दी है।
शेख ने परब से मुलाकात के बाद पत्रकारों से कहा कि महाराष्ट्र की तीन दलों वाली सरकार कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर गठित हुई थी। सपा ने भी इस सरकार को समर्थन दिया था। पर मुख्य़मंत्री उद्धव ठाकरे आए दिन खुद को सबसे बड़ा हिंदुत्ववादी बताते रहते हैं। इस लिए पहले सरकार साफ करे कि यह सरकार धर्मनिरपेक्ष है। इसके पहले सपा प्रदेश अध्यक्ष अबू आसिम आजमी ने मुख्यमंत्री को पत्र भेज कर यही सवाल किया था लेकिन अभी तक इस पत्र का कोई जवाब नहीं मिला।
अखिलेश से पूछेंगे: ठाकरे सरकार को समर्थन दे रही समाजवादी पार्टी (सपा) फिलहाल मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र का जवाब न मिलने से नाराज है। इसके पहले सपा प्रदेश अध्यक्ष व विधायक आजमी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर मुस्लिम आरक्षण, अल्पसंख्यकों को लेकर सरकार की नीति और शिवसेना के नव हिंदुत्व को लेकर पार्टी का रुख स्पष्ट करने की मांग की थी। लेकिन मुख्यमंत्री ठाकरे ने आजमी के पत्र का अब तक कोई जवाब नहीं दिया है। सपा के महाराष्ट्र विधानसभा में दो विधायक हैं। आजमी ने कहा है कि मैंने राज्यसभा चुनाव में मतदान को लेकर पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव से पूछा है। अभी तक उनका कोई जवाब नहीं आया है। सपा विधायक ने कहा कि मैं ऐसा कोई काम नहीं करूंगा जिससे भाजपा को फायदा हो। उन्होंने कहा कि हालांकि शिवसेना-भाजपा दोनों एक जैसे ही हैं।
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