शिवसेना (ठाकरे समूह) पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे और वंचित बहुजन अघाड़ी प्रमुख प्रकाश अंबेडकर ने दोनों दलों के बीच गठबंधन की घोषणा की। इसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि शिव शक्ति और भीम शक्ति के एक साथ आने से राजनीतिक समीकरण बदल जाएंगे| इसी तरह देवेंद्र फडणवीस से पूछा गया कि इन दोनों के गठबंधन का राज्य की राजनीति और आने वाले चुनावों पर क्या असर पड़ेगा|फडणवीस ने इस पर अपनी स्थिति स्पष्ट की।
देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ”मुझे नहीं लगता कि इस गठबंधन का कुछ खास असर होगा| इसका कारण यह है कि यह गठबंधन केवल भाजपा के विरोध के रूप में बना है। नहीं तो प्रकाश अम्बेडकर और शिवसेना की सोच में कोसों दूर हैं। मराठवाड़ा विश्वविद्यालय का नाम बदलकर डॉ. जब बाबासाहेब अंबेडकर का नाम लेना चाहा तो भाजपा ने उनका साथ दिया| हालांकि, शिवसेना ने नाम बदलने का विरोध किया था।
“जब मंडल आयोग आया, तो भाजपा ने आरक्षण का समर्थन किया, लेकिन शिवसेना ने इसका विरोध किया। शिवसेना लगातार मांग करती रही है कि सभी तरह के आरक्षण को रद्द किया जाना चाहिए और आर्थिक आधार पर किया जाना चाहिए। वही, देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि शिवसेना की स्थिति बाबासाहेब अंबेडकर, आरपीआई और प्रकाश अंबेडकर के खिलाफ है।
प्रकाश आंबेडकर को इस तरह के विस्तार और आरक्षण के खिलाफ शिवसेना के साथ जाना होगा। इसका मतलब है कि दोनों पार्टियां भाजपा को हराने के लिए किसी भी तरह का समझौता करने को तैयार हैं|’
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