शिवसेना के ठाकरे समूह के प्रवक्ता संजय राउत ने सांसद श्रीकांत शिंदे के संबंध में मीडिया प्रतिनिधियों द्वारा पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए कैमरे के सामने थूक दिया। उनके इस कदम का असर पूरे राज्य में पड़ा। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और विधानसभा में विपक्ष के नेता अजीत पवार ने कहा, संजय राउत से जब इस बारे में पूछा गया कि ”संजय राउत या कोई भी महाराष्ट्र में बोलने में संयम बनाए रखें” तो उन्होंने कहा, ”बांधों में थूकने से बेहतर है थूकना|”
राउत और पवार के बीच तकरार थमने का नाम नहीं ले रही थी। इसी तरह एक बार फिर मीडिया के प्रतिनिधियों ने अजित पवार से उनकी प्रतिक्रिया मांगी| अजित पवार ने कहा, संजय राउत बड़े नेता हैं|मैं उनके बयान को दिल पर नहीं लेता। दूसरे इसे दिल पर क्यों लें?
अजित पवार की प्रतिक्रिया के बाद संजय राउत ने नाम वापस ले लिया|उन्होंने कहा, “मुझसे अजित पवार के बारे में आंशिक जानकारी के साथ सवाल पूछा गया था|अजित पवार ने आपके बारे में यह और वह कहा, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं कहा। जैसा कि अजित पवार और मेरा स्पष्ट बोलने का स्वभाव है, हम जल्दी बात करते हैं। अजित पवार ने कहा था कि महाराष्ट्र में संयम बरतना चाहिए| वह सही है, मैं सहमत हूँ। अजित पवार ने यह भी कहा कि थूकने को लेकर संजय राउत ने सफाई दी थी, लेकिन मुझसे अलग सवाल पूछा गया। मैंने करारा जवाब दिया। मुझे इसका अफ़सोस है।”
इस बीच संजय राउत और अजित पवार दोनों ने भले ही मामला सुलझा लिया हो लेकिन राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आ रही हैं|इस बारे में शिवसेना के शिंदे गुट के विधायक संजय शिरसाट ने कहा, अजित पवार ने कल खूंटी ठोंकी और आपकी भाषा बदल दी|अजित पवार ने आपको उस भाषा में कहा जिसे आप समझते हैं। उन्होंने कहा कि आप बड़े नेता हैं। इसका मतलब था कि अब हम आपसे बातचीत नहीं करना चाहते हैं। अजित दादा ने तुम्हें अपनी औकात दिखाई तो तुमने अपना बयान बदल दिया।
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