महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के इस्तीफे के बाद एकनाथ शिंदे-भाजपा ने सरकार बना ली है, लेकिन अभी भी सियासी उथल-पुथल पूरी तरह शांत नहीं हुई है|अब महाराष्ट्र विधानसभा के प्रधान सचिव राजेंद्र भागवत ने अभूतपूर्व कदम उठाते हुए शिवसेना के 55 में से 53 विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिए हैं|
बता दें कि यह नोटिस विधानसभा में बहुमत परीक्षण के दौरान व्हिप के उल्लंघन के आरोप में अयोग्यता कानून के तहत जारी किए गए हैं| इसमें विधायकों से 7 दिन के अंदर जवाब देने को कहा गया है| यह कार्रवाई ऐसे समय सामने आई है, जब सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को महाराष्ट्र के मसले पर अहम सुनवाई होनी है|
विधानसभा के प्रधान सचिव राजेंद्र भागवत की तरफ से शिवसेना के जिन विधायकों को नोटिस जारी किया गया है, उनमें शिंदे कैंप के 39 और उद्धव गुट के 14 विधायक भी शामिल हैं|शिंदे गुट ने व्हिप के उल्लंघन के आरोप में बाकी विधायकों पर तो अयोग्यता की कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन आदित्य ठाकरे का नाम लिस्ट में नहीं लिखा था|
4 जुलाई को सदन में विश्वास मत से पहले एकनाथ शिंदे गुट की तरफ से मुख्य सचेतक भरत गोगावले ने एक लाइन का व्हिप जारी करके सभी शिवसेना विधायकों से सरकार के पक्ष में वोट देने के लिए कहा था| मतदान के दौरान शिंदे ने 164 विधायकों के बहुमत से विश्वास मत जीत लिया| शिंदे समर्थक शिवसेना के 40 विधायकों ने पक्ष में जबकि पार्टी के 15 विधायकों ने विपक्ष में वोट दिया था|
इसके बाद अब विधानसभा के प्रधान सचिव की तरफ से नोटिस जारी करके 53 विधायकों से उचित दस्तावेजों के साथ अपना जवाब दाखिल करने को कहा गया है| ये भी कहा गया है कि अगर 7 दिन में जवाब नहीं दिया तो ये मान लिया जाएगा कि विधायक के पास जवाब देने के लिए कुछ नहीं है|
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