Karnataka CM: सिद्धारमैया से क्यों पिछडे डीके शिवकुमार,क्या यह है वजह 

चार दिन से चल रहे खींचातान में सिद्धारमैया पर ही आखिरकार कांग्रेस आलाकमान ने मुहर लगाई। इसके कई वजह भी सामने आ रही है। माना जा रहा है कि कांग्रेस कर्नाटक चुनाव जीतकर 2024 के चुनाव पर नज़ारे गढ़ाई हुई है।  

Karnataka CM: सिद्धारमैया से क्यों पिछडे डीके शिवकुमार,क्या यह है वजह 

कांग्रेस में कर्नाटक सीएम को लेकर जारी उठापटक का बुधवार को पटाक्षेप हो गया। सूत्रों के हवाले से यह दावा किया गया है कि सिद्धारमैया को कर्नाटक का सीएम बनाया जाएगा। वे गुरुवार को सीएम पद की शपथ लेंगे। कोई विधायक मंत्री पद का शपथ नहीं लेगा। पहले भी कहा जा रहा था कि बुधवार को इस पर कांग्रेस का फैसला आ सकता है और वही हुआ भी। सिद्धारमैया डीके शिवकुमार पर भारी पड़े। चार दिन से चल रहे खींचातान में सिद्धारमैया पर ही आखिरकार कांग्रेस आलाकमान ने मुहर लगाई। इसके कई वजह भी सामने आ रही है।

माना जा रहा है कि कांग्रेस कर्नाटक चुनाव जीतकर 2024 के चुनाव पर नज़ारे गढ़ाई हुई है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान ने 2024 लोकसभा चुनाव तक कर्नाटक में सबकुछ ठीक ठाक रखना चाहती है। यही वजह है कि सिद्धारमैया को डीके शिवकुमार पर तवज्जो दी गई है। वही, दूसरी वजह यह भी सिद्धारमैया के पक्ष में ज्यादा विधायकों का समर्थन है। इसके अलावा उनकी साफ़ सुथरी छवि भी उनके पक्ष में थी। वही, डीके शिवकुमार के खिलाफ कई  आपराधिक मामले दर्ज हैं। उन्होंने हाल ही में अपने हलफनामे में अपने ऊपर लगे 19 आपराधिक मामलों का जिक्र किया था। यह भी कहा जा रहा है कि इसकी वजह से भी कांग्रेस कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है।

कहा जा रहा है कि कांग्रेस फिलहाल कर्नाटक में मिली जीत से सातवें आसमान पर हैं। पिछले दिनों वेस्ट बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी कहा है कि हम कांग्रेस के साथ लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं, लेकिन उन्हें हमारा सम्मान करना होगा। इससे भी माना जा रहा है कि  लोकसभा चुनाव को देखते हुए डीके शिवकुमार को दरकिनार कर सिद्धारमैया को सीएम के लिए आगे किये गए। कहा जा रहा है कि सिद्धारमैया की उम्र हो गई, जबकि शिवकुमार को   पार्टी में काम करने के लिए अभी समय है। इसके अलावा दलित और पिछड़ा वर्ग और आदिवासी में उनकी अच्छी खासी पकड़ है। जिसको देखते हुए कहा जा रहा है कि कांग्रेस सिद्धारमैया को आगे कर लोकसभा चुनाव में अच्छी सीटों जितने की प्लानिंग है। सिद्धारमैया  मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। उनके अनुभव का 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी लाभ उठाना चाहते हैं।
बताया जा रहा है कि सिद्धारमैया का यह आखिरी  चुनाव है। हालांकि, इससे पहले दोनों नेताओं ने अलग अलग राहुल गांधी, सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खडगे से मुलाकात की थी। कहा जा रहा है कि कांग्रेस राजस्थान जैसे हालात पैदा नहीं होने देना चाहती है। वहां अशोक गहलोत सीएम बने थे, जबकि सचिन पायलट भी सीएम बनाने चाहते थे जिसकी वजह से अभी तक दोनों नेताओं में तकरार है। सचिन पायलट गहलोत सरकार के खिलाफ आंदोलन भी कर रहे हैं। ऐसी ही स्थिति छत्तीसगढ़ में भी बनी हुई है। यहां भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव के बीच तनाव बना हुआ है।

 
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