अखिलेश यादव का बयान राजनीति की चरम सीमा है। जहां केवल हिंसा, द्वेष के अलावा कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है। यह भी कहा जा सकता है कि पीएम मोदी के सामने विपक्ष अपनी हार मान लिया है। अखिलेश यादव ने सपा नेता आजम खान के परिवार को सात सात साल की सजा सुनाये जाने पर हताशा वाला बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि आजम खान मुसलमान हैं इसलिए उन्हें फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में सजा सुनाई गई है। सवाल यह कि क्या कोर्ट जाति धरम देखकर फैसला सुनाता है। ऐसे नेता से देश को भगवान ही बचा सकता हैं जो न्याय व्यवस्था पर सवाल उठाते हैं।
समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान के परिवार को सजा सुनाये जाने पर अखिलेश यादव ने कहा है कि आजम का धर्म दूसरा है, इसलिए उनके साथ अन्याय हो रहा है। उनके साजिश और षड्यंत्र रच कर उन्हें फंसाया गया है। आजम खान मुसलमान हैं इसलिए उन्हें इस तरह की सजा का सामना करना पद रहा है।
गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाण पत्र के मामले में रामपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने पूरे परिवार को दोषी करार दिया है। तीनों को सात सात साल की सजा सुनाई गई है। तीनों दोषियों को कोर्ट से सीधे जेल भेजा जाएगा।
2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम ने रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। जहां से उन्होंने जीत भी दर्ज की थी। जबकि उनके विरोधी बीएसपी के उम्मीदवार नवाब काजिम अली खान ने अब्दुल्ला की उम्र को लेकर हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। जिसमें आरोप लगाया गया था कि अब्दुल्ला की उम्र चुनाव लड़ने की नहीं है। उनकी उम्र कम थी, इसके बावजूद उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ा।
इस मामले में हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए अब्दुल्ला द्वारा पेश किये गए प्रमाण पत्रों को फर्जी बताया था और चुनाव रद्द कर दिया था। कोर्ट ने अपने जांच अब्दुल्ला आजम की उम्र 25 साल से कम पाया था। बावजूद इसके उन्होंने विधानसभा का चुनाव लड़ा था। 2019 में बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने अब्दुल्ला के खिलाफ दो जन्म प्रमाण पत्र होने का केस दर्ज कराया था। जिसमें आजम खान और उनकी पत्नी तंजीन फातिमा को आरोपी बनाया गया था। अब बुधवार को इस मामले में अब्दुल्ला आजम, आजम खान और तंजीन फातिमा को कोर्ट ने दोषी करार दिया है। जिसमें सात सात साल की सजा सुनाई गई है।
ये भी पढ़ें
जन्म प्रमाण पत्र मामले में बेटा, पत्नी सहित आजम को 7-7 साल की सजा