पृथक विदर्भ के आंदोलन में 100-200 से ज्यादा लोग नहीं आते| पृथक विदर्भ के मुद्दे पर जनता का कोई समर्थन नहीं है|नागपुर सांसद और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने राय जाहिर की है कि जब तक जनता का समर्थन नहीं मिलेगा, विदर्भ अलग कैसे होगा| शुक्रवार को रामदासपेठ के एक होटल में आयोजित कार्यक्रम के तहत उनका साक्षात्कार लिया गया| इस मौके पर उन्होंने विदर्भ के विकास, पृथक विदर्भ पर अपने विचार व्यक्त किये| गडकरी से पूछा गया कि क्या अलग विदर्भ की मांग अब ठंडे बस्ते में चली गई है। उन्होंने कहा, मैं इस बारे में कभी बात नहीं करता,जब हमारी पार्टी ने अलग विदर्भ का संकल्प लिया, तो मुझे समर्थन महसूस हुआ।
लेकिन इस मुद्दे को लोगों का समर्थन नहीं है| विदर्भ के आंदोलन में 100-200 से ज्यादा लोग नहीं आते. अगर कल इस आंदोलन में दस हजार, एक लाख आ जाएं और स्वर्गीय जाम्बुवंतराव धोटे जैसा आंदोलन हो तो मैं भी उसमें शामिल हो जाऊंगा। उन्होंने यह भी पूछा कि जब तक लोग अलग विदर्भ के आंदोलन का समर्थन नहीं करेंगे, तब तक अलग विदर्भ कैसे बनेगा। सवाल किया गया कि गडकरी के एजेंडे में अलग विदर्भ कहां है| इस पर उन्होंने कहा, विदर्भ में अन्याय हो रहा है, रोजगार नहीं है, उद्योग नहीं है. यहां का जंगल विकसित नहीं हुआ था| नतीजा यह हुआ कि विदर्भ का विकास नहीं हुआ| इसलिए पृथक विदर्भ की मांग सामने आई। महाराष्ट्र में रहकर विदर्भ के विकास के लिए पिछले आठ-नौ वर्षों में जितना काम हुआ है, उतना 60-70 वर्षों में नहीं हुआ। अच्छी सड़कें बनीं|
अच्छे उद्योग आने लगे। विदर्भ धीरे-धीरे बदल गया है। विदर्भ के लोगों को विदर्भ की राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं है| बात सिर्फ इतनी है कि वे उन नेताओं के सामने नहीं बोलते जो कड़क खादी के कपड़े पहनकर घूमते हैं। यहां के लोगों के लिए विकास महत्वपूर्ण है| गडकरी ने यह भी कहा कि जनता उस नेता और पार्टी के पीछे खड़ी होगी जो उनके सपनों को पूरा करेगा|
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