उत्तर प्रदेश में आ रहा है पेपर लीक को लेकर सख्त कानून!

उत्तर प्रदेश में पेपर लिक करने पर 2 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक सजा और एक करोड़ रुपए के जुर्माने का सख्त प्रावधान किया गया है।

उत्तर प्रदेश में आ रहा है पेपर लीक को लेकर सख्त कानून!

Strict law regarding paper leak is coming in Uttar Pradesh!

मंगलवार को उत्तरप्रदेश के कैबिनेट बैठक में पेपर लिक मामले को लेकर नए कानून की चर्चा हुई। योगी सरकार ने कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश में सामाजिक परीक्षा अध्यादेश 2024 लाने की बात हुई, जिसके तहत अब उत्तर प्रदेश में पेपर लिक करने पर 2 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक सजा और एक करोड़ रुपए के जुर्माने का सख्त प्रावधान किया गया है। इस कानून से सम्बंधित उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अध्यादेश 2024 के प्रारूप को मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में मंजूरी दी गई।

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया है कि, मंजुर किए अध्यादेश में पेपर लीक में पकड़े जाने पर संस्था या उससे जुड़े लोगों के लिए 2 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास की सजा और एक करोड़ रुपए तक जुर्माने का प्रावधान किया गया है। अध्यादेश के तहत लोकसेवा आयोग, उत्तर प्रदेश अधीनस्थ चयन बोर्ड, यूपी बोर्ड, विश्वविद्यालय, प्राधिकरण या निकाय या उनके द्वारा नामित सभी संस्थाओं के लिए लागु होगा।

उत्तर प्रदेश की विभिन्न भर्ती परीक्षा, नियमितीकरण की परीक्षा, पदोन्नति के लिए होने वाली परीक्षा, डिग्री- डिप्लोमा या विभिन्न प्रमाणपत्र पाने की परीक्षा या शैक्षणिक प्रमाणपत्र पाने के लिए होने वाली प्रवेश परीक्षा सभी में अवगत कराया जाएगा। इस कानून के अंतर्गत फर्जी प्रश्न पत्र वितरण, फर्जी सेवायोजन वेबसाइट बनाना दंडनीय अपराध बनाए गए है। इस कानून को गैर जमानती और संज्ञान लेने वाला बनाया है। यह कानून सत्र न्यायलय में विचारणीय और जुर्माना माफ़ न हो इस प्रकार बनाया गया है।

कानून के मुताबिक अगर पेपर लिक से परीक्षा प्रभावित होती है तो, इसी से परीक्षा पर आने वाले अतिरिक्त वित्तीय भार को पेपर सॉल्वर गैंग से वसूल किया जाएगा। पेपर सॉल्विंग और अन्य गड़बड़ी में मुवक्किल संस्थाओं और सेवा कर्मियों को हमेशा के लिए ब्लैकलिस्ट किया जाएगा। वित्तीय भार को चुकाने के लिए संपत्ति कुर्क भी हो सकती है।

जाते जाते आपको यह भी याद दिला दे केंद्र सरकार के बनाए नए आपराधिक कानून में भी पेपर लिक के अपराध को लेकर सजा का प्रावधान है, जिसके तहत पेपर लीक में दोषी को 10 वर्ष तक करावास और एक करोड़ का जुर्माना लगता है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस 10 वर्ष के कारावास की सजा को बढाकर आजीवन कारावास किया है।

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