Operation Kaveri: कावेरी ही नहीं शक्ति स्वरूप इस ऑपरेशन से संकट में फंसे भारतीय निकले         

भारत सरकार ने भारतीय छात्रों और नागरिकों को वहां से लाने के लिए ऑपरेशन गंगा अभियान चलाया था। जबकि, अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जा के बीच ऑपरेशन देवी शक्ति अभियान चलाया गया था।           

Operation Kaveri: कावेरी ही नहीं शक्ति स्वरूप इस ऑपरेशन से संकट में फंसे भारतीय निकले         

सूडान में जारी गृह युद्ध के बीच भारत ने अपने नागरिकों को वहां से निकालने के लिए ऑपरेशन कावेरी चला रहा है। इसके तहत अब तक भारतीय नागरिकों का तीसरा जत्था सऊदी अरब के जेद्दाह पहुंच गया है। बुधवार को भारतीय वायुसेना के सी -130 जे विमान से 135 भारतीयों का तीसरा जत्था सऊदी अरब के जेद्दाह पहुंचा। इससे पहले दूसरे जत्थे में 148 भारतीय सुरक्षित निकाले गए। जबकि पहला जत्था एक दिन पहले ही भारतीय नौसेना के पोत आईएनएस सुमेधा  से 278 यात्रियों को लेकर रवाना हुआ था जो जेद्दाह बंदरगाह पर पहुंचा था।

बताया जा रहा है कि ऑपरेशन कावेरी विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन के अगुवाई में किया जा रहा है। भारत ने ऐसे संकट के समय अपने नागरिकों को निकालने के लिए युद्धस्तर पर कार्य किये हैं। इसी तरह यूक्रेन रूस युद्ध के बीच भारत सरकार ने भारतीय छात्रों और नागरिकों को वहां से लाने के लिए ऑपरेशन गंगा अभियान चलाया था। जबकि, अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जा के बीच ऑपरेशन देवी शक्ति अभियान चलाया गया था।


ऑपरेशन गंगा:
  बीते साल 24 फरवरी 2022 में  रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की शुरुआत हुई थी। जिसमें बड़ी संख्या में विदेशी नागरिक यूक्रेन में फंस गए थे। संकट के बीच भारत के लगभग 20 हजार नागरिक वहां फंस हुए थे। जिसमें से 18000 भारतीय छात्र थे। ऐसे भारतीयों को युद्धग्रस्त इलाकों से निकालने के लिए मोदी सरकार के सामने बड़ी चुनौती थी। जिसके बाद विचार विमर्श के बाद भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए ऑपरेशन गंगा लांच किया गया।इसके तहत एक टास्क फ़ोर्स का गठन किया गया था, जिसमें चार केंद्रीय मंत्रियों ज्योतिरादित्य  सिंधिया, हरदीप सिंह पुरी, किरेन रिजिजू और जनरल (आर) वीके सिंह शामिल थे।
ऐसे आया यह नाम: बताया जाता है कि इस ऑपरेशन को लांच करने से पहले कई नामों पर विचार विमर्श किया गया ,लेकिन बात नहीं बनी। जब इस पर मंथन चल रहा था उस समय पीएम मोदी अपने निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी से लौटे थे। इसके बाद कई नामों पर चर्चा के बाद “गंगा”  पर मुहर लगी। कहा जाता है कि इस ऑपरेशन को गंगा नाम देने के पीछे की वजह यह थी मां गंगा हमारी रक्षा करती हैं और  उसी तरह यह बचाव अभियान अपने बच्चों को सुरक्षित युद्धग्रस्त यूक्रेन से निकालना था। इसलिए इसका नाम ऑपरेशन गंगा रखा गया। इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान के भी छात्रों को बाहर निकाला गया। जिसकी  छात्रों ने दिल खोलकर प्रशंसा किये थे।


देवी शक्ति ऑपरेशन:
इसी तरह जब 2021 में अफगानिस्तान पर तालिबान ने कब्जा कर लिया तो वहां के हालात बिगड़ गए थे। चारों ओर अफरा तफरी मच गई थी। जिसके बाद भारत ने अपने नागरिकों को अफगानिस्तान से लाने के लिए देवी शक्ति ऑपरेशन चलाया था। बताया जाता है कि इसके पीछे की भी वजह आध्यात्मिक ही है। जैसे मां दुर्गा राक्षसों और बेगुनाहों की रक्षा करती हैं। इसी तरह, आतंकियों से भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए ऑपरेशन देवी शक्ति का मिशन को लांच किया गया था। जब यहां से भारतीयों को निकाला गया तो  वहां से बड़ी संख्या में गुरुगंथ साहिब , भागवत गीता , रामायण और महाभारत जैसे ग्रंथों को लाया गया था।


ऑपरेशन कावेरी:
उसी तरह अब भारत ने सूडान में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए ऑपरेशन कावेरी  अभियान शुरू किया है। जिसके तहत उन्हें युद्ध ग्रस्त इलाकों से सुरक्षित निकाल कर लाया जा  रहा है।  बता दें कि कावेरी नदी का नाम है जो दक्षिण भारत की प्रमुख नदी मानी जाती है। यह नदी तमिलनाडु और कर्नाटक में बहती है। कहा जा रहा है कि इस ऑपरेशन नाम कावेरी रखने के पीछे  यह है कि नदियां तमाम बाधाओं के बावजूद अपने नियत स्थान पर पहुंचती है। यह एक मां की तरह है जो यह सुनिश्चित करती है कि अपने बच्चों को सुरक्षित वापस लाएंगी।


वंदे भारत ऑपरेशन: 
इसी तरह 2021 में कोरोना काल में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए वंदे भारत ऑपरेशन चलाया गया था। इसके तहत दुनियाभर में फंसे भारतीयों को वापस लाया गया था। इस मिशन के तहत  60 लाख भारतीयों को निकाला गया था। 2006 में इस्राइल और लेबनान के बीच जारी युद्ध के दौरान भारत ने अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए ऑपरेशन सुकून अभियान चलाया गया था।
          
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