एसटी हड़ताल : विलय ​​को लेकर विधायक​ ​करेंगे हड़ताल का आह्वान​!​ ​

राष्ट्रीय परिवहन कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए कर्मचारियों में असंतोष फैल गया है।

एसटी हड़ताल : विलय ​​को लेकर विधायक​ ​करेंगे हड़ताल का आह्वान​!​ ​

ST strike: Both the MLAs will go on hunger strike for the merger of ST!

टी​.​सतीश मेटकरी, महासचिव, महाराष्ट्र राज्य, कर्मचारी संघ,​​ ​सेवा शक्ति संघर्ष ने बताया कि दोनों विधायक शेष मांगों को मनवाने के लिए अनशनकरेंगे|​​पिछले साल 29 अक्टूबर, 2021 से लगभग छह महीने तक एसटी कर्मचारियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर मुंबई के आजाद मैदान में अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान किया था| कर्मचारियों की मुख्य मांग थी कि एसटी का राज्य सरकार में विलय किया जाए। इस बार मामला कोर्ट में भी गया।

उस समय की ठाकरे सरकार ने कर्मचारियों की तनख्वाह बढ़ाने सहित कई मांगों पर सहमति जताई थी| हालांकि, कई सहमत मांगों को अभी तक लागू नहीं किया गया है। इसलिए अब फिर से भूख हड़ताल की जाएगी। हालांकि इस बार सरकार में विधायक ही उपवास करने जा रहे हैं|विधायक गोपीचंद पाडलकर का सेवा शक्ति संघर्ष सदाभाऊ खोट एस.टी. अनुसूचित जनजाति कर्मचारियों के सरकार में विलय व अन्य मांगों को लेकर कर्मचारी संघ नागपुर में शीतकालीन सत्र में 20 दिसंबर से आमरण अनशन पर जायेगा. इसके लिए उन्होंने पत्र लिखकर सरकार से अनुमति मांगी है।

तत्कालीन विधान परिषद अध्यक्ष रामराजे निंबालकर के सभागार में सभी दलों के विधायकों की बैठक हुई| इस बैठक में एसटी कर्मचारियों की 18 में से 16 मांगों पर चर्चा हुई|चर्चा के बाद इन मांगों को मानने पर सहमति बनी। हालांकि, स्वीकृत मांगों को अभी तक लागू नहीं किया गया है।

इसलिए अध्यक्ष विधायक गोपीचंद पडलकर, कार्यकारी अध्यक्ष सदाभाऊ खोट, सेवा शक्ति संघर्ष एसटी कर्मचारी संघ के महासचिव सतीश मेतकरी कई बार सरकार से इन मांगों को पूरा करने की मांग कर चुके हैं|लेकिन, इस पर कुछ नहीं हुआ है। इसके अलावा सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है। इसलिए राष्ट्रीय परिवहन कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए कर्मचारियों में असंतोष फैल गया है।

इसलिए यदि हमारी मांगें नहीं मानी जाती हैं तो नागपुर शहर में 19 दिसंबर 2022 से शुरू हो रहे महाराष्ट्र सरकार के शीतकालीन सत्र के दौरान हम विधायक गोपीचंद पाडलकर, पूर्व विधायक सदाभाऊ खोट के साथ 20 दिसंबर से आमरण अनशन पर हैं जब तक कि हमारी मांगें पूरी नहीं हो जातीं विधान भवन के समीप समागम स्थल पर स्वीकार किया गया।
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