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Sunday, November 24, 2024
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फौजदारी के तहत सात दिन में करें कार्रवाई, सांसद नीलेश लंका की प्रशासन को चेतावनी!

अहमदनगर लोकसभा क्षेत्र के सांसद नीलेश लंका ने चेतावनी दी है कि अपराध शाखा में भ्रष्टाचार की जांच की जानी चाहिए और सात दिनों के भीतर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए, अन्यथा वे पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सामने भूख हड़ताल करेंगे।

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यहां के पुलिस निरीक्षकों और स्थानीय अपराध शाखा के कर्मचारियों की कृपा से जिले में बड़े पैमाने पर अवैध कारोबार चल रहा है|अहमदनगर लोकसभा क्षेत्र के सांसद नीलेश लंका ने चेतावनी दी है कि अपराध शाखा में भ्रष्टाचार की जांच की जानी चाहिए और सात दिनों के भीतर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए, अन्यथा वे पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सामने भूख हड़ताल करेंगे।

सांसद नीलेश लंका ने सीधे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र भेजकर इसकी शिकायत की है|मुख्यमंत्री को दिए बयान में सांसद लंका ने कहा कि जिले में अपराध में काफी वृद्धि हुई है|अहमदनगर की पहचान महाराष्ट्र में सबसे अधिक अपराध दर वाले जिले के रूप में की गई है।शहर सहित जिले में ऑनलाइन क्लब, अवैध रेत उत्खनन, गुटखा, अवैध शराब बिक्री, मटका, चंदन तस्करी, बिंगो जैसे कारोबार चल रहे हैं।

पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सामने धरना: स्थानीय अपराध शाखा के कर्मचारी शरण मांग रहे हैं|स्थानीय अपराध शाखा के अधिकारी अवैध कारोबारियों से बकाया वसूली कर आम लोगों को परेशान करते हैं|नीलेश लंका ने गंभीर आरोप लगाया है कि स्थानीय क्राइम ब्रांच के कर्मचारी सर्राफा व्यापारियों को झूठे अपराध में फंसाने की धमकी देकर उनसे पैसे वसूलते हैं|क्राइम ब्रांच के अधिकारियों और कर्मचारियों से विशेष दर्जा प्राप्त अधिकारियों से पूछताछ की जाए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया जाए|यदि कार्रवाई नहीं हुई तो खट्टा पुलिस अधीक्षक कार्यालय के समक्ष साक्ष्य के साथ भूख हड़ताल करेंगे।

नीलेश लंका का पुलिस अधीक्षक तक मार्च: इस बीच, नीलेश लंका ने कुछ दिनों पहले किसानों के मुद्दों पर अहमदनगर कलेक्टर कार्यालय के सामने सार्वजनिक आक्रोश प्रदर्शन किया था।नीलेश लंका ने दूध और प्याज की कीमत को लेकर तीन दिनों तक विरोध प्रदर्शन किया|नगर जिले के संरक्षक मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल के आश्वासन और एनसीपी शरद चंद्र पवार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल की मध्यस्थता के बाद नीलेश लंका ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया था|

अब नीलेश लंका ने कलेक्टरेट के बाद अपना मार्च पुलिस अधीक्षक कार्यालय की ओर मोड़ दिया है​|​ इसलिए आंदोलनों का यह सिलसिला लोकसभा चुनाव में प्रशासन की मदद न करने के बचाव के लिए तो नहीं शुरू किया गया है? ऐसा सवाल उठ रहा है​|​

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