तमिलनाडु की राजनीति में हलचल उस वक्त और तेज हो गई जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को राज्य के नगर प्रशासन मंत्री के.एन. नेहरू के भाई रविचंद्रन की कंस्ट्रक्शन कंपनी TVH ग्रुप के कई ठिकानों पर छापेमारी की। यह छापे अवैध वित्तीय लेनदेन और मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका के चलते डाले गए। ईडी की टीमें चेन्नई के तेनाम्पेट, अलवरपेट, बेसेंट नगर, सीआईटी कॉलोनी और एमआरसी नगर में फैले दस से अधिक ठिकानों पर एक साथ कार्रवाई कर रही हैं।
सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई सिर्फ कंपनी तक सीमित नहीं, बल्कि मंत्री के परिवार से जुड़े अन्य परिसरों तक भी पहुंच चुकी है। अभी तक आधिकारिक रूप से ईडी की ओर से कोई बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि एजेंसी को बड़ी अनियमितताओं के प्रमाण जुटाने की उम्मीद है।
इससे पहले भी ईडी ने तमिलनाडु में शराब कारोबार से जुड़ी अनियमितताओं पर शिकंजा कसा था। 6 मार्च को राज्य की एकाधिकार शराब एजेंसी TASMAC और उससे जुड़े कई डिस्टिलरीज, ठेकेदारों और डीएमके नेताओं के परिसरों पर छापेमारी की गई थी। उस कार्रवाई में मंत्री वी. सेंथिल बालाजी और डीएमके सांसद एस. जगतरक्षकन के नजदीकी लोगों के ठिकानों पर भी छापे पड़े थे।
सेंथिल बालाजी पहले ही कैश-फॉर-जॉब घोटाले में ईडी की गिरफ्त में आ चुके हैं और उनके खिलाफ चार्जशीट भी दायर हो चुकी है। तमिलनाडु की डीएमके सरकार पर ईडी का यह लगातार दबाव 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले सियासी ताबड़तोड़ घटनाओं का संकेत दे रहा है।
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