वैश्विक स्तर पर बढ़ते व्यापारिक तनावों का असर भारतीय शेयर बाजार पर भारी पड़ा है। सोमवार सुबह बाजार खुलते ही बिकवाली का ऐसा तूफान आया कि सेंसेक्स 2,381 अंक यानी 3.12% टूटकर 73,010 पर और निफ्टी 816 अंक यानी 3.56% गिरकर 22,088 के स्तर पर आ गया।
इस गिरावट की सबसे बड़ी वजह अमेरिका द्वारा लगाए गए रेसिप्रोकल टैरिफ है, जिसने वैश्विक स्तर पर ट्रेड वार की चिंता को और गहरा कर दिया है। इसका असर सिर्फ लार्ज कैप नहीं, मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों पर भी देखने को मिला। एनएसई के लगभग सभी सेक्टर्स में लाल निशान नजर आया—चाहे वो आईटी हो, ऑटो, एफएमसीजी या मेटल्स।
शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स की सभी 30 कंपनियां नुकसान में थीं। टाटा स्टील, टेक महिंद्रा, इंफोसिस, टीसीएस और रिलायंस जैसे दिग्गज स्टॉक्स प्रमुख लूज़र रहे।
चॉइस ब्रोकिंग के एनालिस्ट हार्दिक मटालिया के अनुसार, निफ्टी में तकनीकी कमजोरी बनी हुई है और फिलहाल 22,400 और 22,000 के स्तर सपोर्ट के रूप में देखे जा सकते हैं। लेकिन वैश्विक हालात और अमेरिकी बाजारों से मिले कमजोर संकेतों के चलते रिकवरी की उम्मीद फिलहाल धुंधली है।
दूसरी ओर, क्रूड की कीमतों में भी बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। ब्रेंट क्रूड करीब 2.67% टूटकर 63.82 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया, जबकि अमेरिकी WTI क्रूड 60.31 डॉलर पर लुढ़का। एशियाई बाजारों में भी मंदी का असर देखा गया है। ऐसे में निवेशकों के लिए ये संकेत हैं कि उन्हें सतर्कता बरतनी होगी क्योंकि ट्रेड वार की आंच अभी और फैल सकती है।
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