गुजरातियों को ठग कहने के मामले में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के खिलाफ आज अहमदाबाद की मेट्रो कोर्ट में सुनवाई होगी। वहीं इससे पहले 8 मई को हुई सुनवाई में कोर्ट ने शिकायतकर्ता को सुबूतों के साथ कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था। उनपर गुजरात के लोगों की भावना आहत करने का आरोप लगा है। जबकि आज की सुनवाई के बाद कोर्ट तय करेगा कि तेजस्वी यादव को समन भेजा जाए या नहीं।
वह बयान जिस पर तेजस्वी यादव के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज हुआ। दरअसल, बैंकों का पैसा लेकर भागे हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी का नाम इंटरपोल के ‘रेड नोटिस’ से हटा दिया गया। जिसके बाद बजट सत्र के समय तेजस्वी यादव ने पटना में कहा था कि वर्तमान में जो हालात हैं उसे देखा जाए तो सिर्फ गुजराती ही ठग होते हैं। उनको माफ भी कर दिया जाता है। सीएम ने जब गुजरातियों को ठग कहा था। इसके बाद गुजरात के व्यापारी हरेश मेहता ने बयान पर आपत्ति जताते हुए केस दर्ज कराया था।
वहीं 21 मार्च को तेजस्वी यादव के खिलाफ IPC की धारा-499 और 500 (आपराधिक मानहानि) के तहत मामला दर्ज करवाया था। हालांकि तेजस्वी ने अपनी सफाई में कहा था कि उन्होंने सभी गुजरातियों को ठग नहीं कहा। तेजस्वी ने कहा था- बैंक लोन दे देती है और पैसे लेकर विदेश फरार हो जाने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं होती है। जो लोग इस पर सवाल उठा रहे हैं, उनको डराने की कोशिश की जा रही है। ये बातें उन्होंने आरजेडी दफ्तर में हुए मिलन समारोह में कही।
हालांकि जाति को लेकर विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। तेजस्वी से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी जाति के खिलाफ बयान देकर फंस चुके हैं। उन्होंने 2019 में कर्नाटक की चुनावी सभा में कहा था कि ‘सारे मोदी सरनेम वाले चोर होते हैं।’ इस बयान पर सूरत की अदालत में बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। कोर्ट ने इस पर कड़ा रुख दिखाया और राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई गई।
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