जनशक्ति जनता दल के प्रमुख तेजप्रताप हाल ही में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से निष्कासित किए गए थे, अब उन्होंने दावा किया है कि उनकी सुरक्षा का गंभीर खतरा है और उनके दुश्मन उनकी हत्या करा सकते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सुरक्षा बढ़ा दी गई है, लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि उन्हें खतरा किन व्यक्तियों या समूहों से है। बिहार विधानसभा चुनावों के बीच उनका यह बयान राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है।
तेज प्रताप यादव महुआ सीट से चुनाव लड़ रहे हैं और यह उनका नया राजनीतिक सफर लालू प्रसाद यादव ने उन्हें कथित अनुशासनहीन आचरण को लेकर पार्टी से छह वर्षों के लिए निष्कासित करने के बाद शुरू हुआ है। इसके ठीक एक दिन पहले तेज प्रताप ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में यह दावा किया था कि वह “एक रिश्ते” में हैं। बाद में उन्होंने वह पोस्ट हटा दिया और कहा कि उनका अकाउंट हैक हुआ था, लेकिन इस घटना के बाद लालू प्रसाद ने सार्वजनिक रूप से उनसे दूरी बना ली।
पत्रकारों से बात करते हुए तेज प्रताप ने कहा, “मेरी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। मैं खतरे में हूं। मेरे दुश्मन मुझे मरवा सकते हैं। अब हर कोई दुश्मन जैसा लगता है।” उन्होंने कहा कि वह उन लोगों को पहचानते हैं जो उनके खिलाफ साजिश कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने किसी का नाम लेने से इंकार कर दिया। वक्तव्य के दौरान उनका स्वर आक्रामक से अधिक असुरक्षित दिखाई दिया।
हालांकि राजनीतिक तनाव और पारिवारिक दरार के बीच, उन्होंने अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव को जन्मदिन की शुभकामनाएं भी दीं। उन्होंने कहा, “मेरी दुआएं हमेशा उसके साथ हैं। वह आगे बढ़ता रहे।” इससे यह संकेत मिलता है कि राजनीतिक मतभेदों के बावजूद पारिवारिक भावनाएं पूरी तरह समाप्त नहीं हुई हैं।
निष्कासन के बाद तेज प्रताप ने लगातार संकेत दिए कि उनके और तेजस्वी के बीच दरार बनाई गई है और कुछ लोगों ने उन्हें एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा किया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में “जयचंद” शब्द का उपयोग किया था, यह इशारा करते हुए कि ऐसा कोई व्यक्ति या समूह है जिसे वह विश्वासघाती मानते हैं।
बिहार की राजनीति में लालू परिवार के अंदर के रिश्ते पहले से ही जटिल हैं, और तेज प्रताप के इस बयान ने चुनावी माहौल में एक और परत जोड़ दी है। उनकी सुरक्षा को लेकर प्रशासन ने कदम उठाए हैं, लेकिन खतरे के स्रोत को लेकर स्पष्टता नहीं है।
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