‘बालासाहेब का वो एक वाक्य…’, बाबरी मस्जिद गिराने के श्रेय को लेकर देवेन्द्र फड़णवीस ने कही ये बात​!

फडणवीस ने बताया कि भले ही घर बैठे लोग बाबरी विध्वंस का श्रेय लेने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि बालासाहेब ने बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद एक वाक्य कहा था, उस समय शिवसेना का कोई भी नेता वहां मौजूद नहीं था। इस मौके पर उन्होंने कार सेवा का अपना अनुभव भी साझा किया|

‘बालासाहेब का वो एक वाक्य…’, बाबरी मस्जिद गिराने के श्रेय को लेकर देवेन्द्र फड़णवीस ने कही ये बात​!

'That one sentence of Balasaheb...', Devendra Fadnavis said this regarding the credit for demolishing Babri Masjid!

मराठवाड़ा को मुंबई से जोड़ने वाली जालना-छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) मुंबई वंदे भारत एक्सप्रेस आज शुरू हो गई। केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे और उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने इस एक्सप्रेस का उद्घाटन किया| इस मौके पर मीडिया से बात करते हुए देवेंद्र फडणवीस ने वंदे भारत रेलवे, मराठवाड़ा के विकास और अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन और बाबरी ढ़हाने जैसे विषयों पर विस्तार से टिप्पणी की|
फडणवीस ने बताया कि भले ही घर बैठे लोग बाबरी विध्वंस का श्रेय लेने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि बालासाहेब ने बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद एक वाक्य कहा था, उस समय शिवसेना का कोई भी नेता वहां मौजूद नहीं था। इस मौके पर उन्होंने कार सेवा का अपना अनुभव भी साझा किया| डॉ.फडणवीस जैसे लोग अपनी वाह-वाही कर रहे हैं, ‘राम मंदिर की लड़ाई में शिवसेना का क्या योगदान है? यदि आपमें हिम्मत है, तो अयोध्या आएं, आपकी छत्रछाया पर एक मंदिर बनाया गया है”, सामना के मुख पृष्ठ पर कहा गया है। यह 27 दिसंबर को किया गया था| इसी पृष्ठभूमि में देवेन्द्र फडणवीस ने शिवसेना पर निशाना साधा|
जब बाबरी मस्जिद ढहाई गई तो मैं…: देवेन्द्र फडणवीस ने बाबरी मस्जिद विध्वंस से जुड़ी अपनी यादें साझा करते हुए कहा, ”अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर का उद्घाटन होगा| मैं इससे बहुत खुश हूं|’ जब प्रथम राम शिला पूजन हुआ तब मैं 18 वर्ष का था। पहली कार सर्विस के दौरान मैं खुद गया था| अयोध्या से राम जन्मभूमि स्थान तक पैदल जाते समय हम पर लाठियां बरसाई गईं| मैंने बदायू की सेंट्रल जेल में 17 से 18 दिन बिताए। इसके बाद मैं 1992 में दोबारा अयोध्या गया, जब बाबरी ढहाई गई तो खुशी अलग थी| इसे शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता| फड़णवीस ने यह भी याद दिलाया कि अटलजी के समय भी दोबारा कारसेवा हुई थी, हम भी वहां गए थे|

श्रेय न लेने का फैसला लिया गया: जब बाबरी की छत गिरी तो भाजपा के लोग वहां थे, जो लोग वहां (शिवसेना उबाठा समूह) होने का दावा कर रहे हैं उनमें से कोई भी मौजूद नहीं था। तीसरे मंच पर आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती मौजूद थे| इसलिए दावेदार महज एक मन गढंत हैं, उनका घटना से दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं है। हमें बताया गया कि कोई भी संगठन श्रेय नहीं लेना चाहता| यह पूछने पर कि तटबंध किसने तोड़ा, कारसेवक कहते थे कि तोड़ा गया है| यह निर्णय लिया गया था। हम अनुशासित कार्यकर्ता हैं ।

बाला साहेब के वाक्य से पैदा हुई उलझन: जब बाला साहेब से पूछा गया कि क्या आपके लोग भी बाबरी गिराने वालों में से हैं? तब बाला साहेब ने सिर्फ इतना कहा था कि अगर वे हमारे लोग हैं तो मुझे उन पर गर्व है| यह एक साधारण वाक्य था. लेकिन जो लोग घर से नहीं निकले|देवेन्द्र फड़णवीस ने आरोप लगाया कि उन्होंने बाला साहेब के उस वाक्य के आधार पर श्रेय लेने की कोशिश की|

उद्धव ठाकरे के राज में विकास ठप: देवेंद्र फड़णवीस ने जालना-मुंबई वंदे भारत की शुरुआत पर खुशी जताते हुए मराठवाड़ा में परिवहन के मुद्दे पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा, ”मराठवाड़ा में रेलवे लाइन का दोहरीकरण, रेलवे का विद्युतीकरण और इसके साथ-साथ नई पटरियां बिछाने का काम बड़े पैमाने पर चल रहा है। हमारी सरकार ने केंद्र सरकार के साथ मिलकर रेलवे परियोजनाओं को केंद्र सरकार के बराबर सब्सिडी देकर तेज गति से आगे बढ़ाया है।

बीच के ढ़ाई साल में उद्धव ठाकरे की सरकार ने राज्य को केंद्रीय निधि का समान हिस्सा देने का विरोध किया था| यह बहुत गलत फैसला था, जिसका असर मराठवाड़ा पर पड़ा, लेकिन अब मराठवाड़ा में काम तेजी से चल रहा है| संभाजीनगर और जालना विनिर्माण के लिए महत्वपूर्ण जिले होंगे। इसलिए इन दोनों जिलों को देश की आर्थिक राजधानी यानी मुंबई से जोड़ना बहुत जरूरी था| ऐसा करने से अब इसके अच्छे परिणाम दिखाई देंगे।
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