1987 में पार्ली में उपचुनाव हुए। रमेश प्रभु हमसे जीते थे|भाजपा हमारे खिलाफ थी| यह पहला चुनाव न सिर्फ हिंदुत्व के मुद्दे पर लड़ा गया बल्कि जीता भी गया| फिर शिवसेना प्रमुख का वोट देने का अधिकार भी 6 साल के लिए छीन लिया गया| क्योंकि उन्होंने हिंदू धर्म का प्रचार-प्रसार किया|हालाँकि, आज हमें लगता है कि चुनाव आयोग ने आचार संहिता बदल दी है। यदि उन्होंने ऐसा किया, तो उन सभी को एक जैसा होना चाहिए। यह बात हर किसी को पता होनी चाहिए”, प्रेस कॉन्फ्रेंस में उद्धव ठाकरे ने कहा।
राष्ट्रवादी कांग्रेस के जन्म के बाद महाराष्ट्र में जातिगत नफरत बढ़ी, राज ठाकरे का आरोप !