बलूचिस्तान में बलूची छात्र अल्लाह दाब की मौत और तीन बलूची साथियों की गिरफ्तारी के बाद तीन दिनों से लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके साथ ही बलूची लोगों पर राज्य द्वारा किए जा रहे अत्याचारों में एक और घटना जुड़ गई है। क्षेत्र में मजबूत उपस्थिति वाली महरंग बलूच ने शिक्षा और ज्ञान की खोज में बाहर जाने वाले बलूची युवाओं की राज्य द्वारा निर्देशित और राज्य के नेतृत्व में होने वाली हत्याओं पर टिप्पणी की।
वहीं पीड़ित परिवार ने बताया कि अपनी पढ़ाई के दौरान मृतक पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों द्वारा लगातार आरोप लगाए गए और उससे पूछताछ की गई। इस जिल्लत को ख़त्म करने के लिए अल्लाह दाब ने अपनी शिक्षा छोड़ दी और वापस पाकिस्तान आ गए, जहां अंततः उन्हीं ताकतों ने उनकी हत्या कर दी।
गौर करने वाली बात है कि यह पहली घटना नहीं है, जहां बलूचियों की इस तरह से निर्मम हत्या की गयी हो। अपने ऊपर हो रहे ज़ुल्मों के खिलाफ बलोची कई सालों से जंग लड़ रहे हैं और दुनिया की तमाम बड़ी ताकतों से गुज़ारिश कर रहे हैं कि उन्हें पाकिस्तानी हुकूमत की ज़िल्लत से छुड़ाया जाए।
लेकिन अब तक के सभी प्रयास विफल होते ही दिखे हैं| कई बलूचियों ने हिंदुस्तान आने की भी कोशिश की है, जिसमें कुछ सफल हुए और कुछ नहीं। इससे राज्य प्राधिकारियों के ऊपर बलोचिस्तान में होती आ रही हत्याओं, लोगों के गायब होने के मामलो और बढ़ती हिंसा को ना रोक पाने को लेकर गंभीर सवाल खड़े करते हैं।
देश में बढ़ते हिंसक माहौल को संभाल पाने में पाकिस्तान हमेशा से ही नाकामयाब रहा है। इससे भारत के लिए भी चिंताएं बढ़ गयी हैं क्यूंकि सीमा पार करके आने वाले पाकिस्तानियों की वजह से देश में सुरक्षा को लेकर भी चिंताएं हैं। देश में बढ़ती महंगाई और सामाजिक असमता के बीच देश के बड़े हिसे में भड़कती हिंसा अच्छे अंदेशे नहीं लाती है। बलोचिस्तान की प्रमुख संस्थान बलोच एक्जेटी समिति के मुताबिक पिछले कुछ सालों में ऐसी घटनाएं बहुत ज़्यादा बढ़ गयी हैं।
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