भाजपा सांसद सौमित्र खान ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “गांधी परिवार ने हमारे नेताजी सुभाष चंद्र बोस को सम्मान नहीं दिया। अब जब संसद में बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय की बात हो रही है, तब भी कांग्रेस पार्टी ने उनको सम्मान नहीं दिया।
उन्होंने कहा, “भाजपा ने जो करके दिखाया, वो पहले भी किया जा सकता था, लेकिन 150 साल लग गए। ऐसा इसलिए क्योंकि देश में पहले कांग्रेस की सरकार थी। आज भाजपा सरकार ने एक बंगाली को जो सम्मान दिया, उसको लेकर मैं बहुत गर्व महसूस कर रहा हूं।”
इससे पहले सोमवार को लोकसभा में वंदे मातरम पर विशेष चर्चा के दौरान वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने तंज कसते हुए कहा कि सरकार वंदे मातरम पर आज बहस इसलिए चाहती थी क्योंकि बंगाल में चुनाव होने वाले हैं। उन्होंने सवाल किया कि 75 साल से देश आजाद है तो वंदे मातरम पर बहस आज क्यों हो रही है?
शीतकालीन सत्र शुरू होने से ठीक पहले एक राजनीतिक टकराव शुरू हो गया था, जब राज्यसभा सचिवालय ने कहा था कि सांसदों को संसद के अंदर ‘वंदे मातरम’ और ‘जय हिंद’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। विपक्ष ने भाजपा की अगुवाई वाली एनडीए पर भारत की आजादी और एकता के प्रतीकों से असहज होने का आरोप लगाया।
मंगलवार को राज्यसभा में वंदे मातरम पर विशेष चर्चा होगी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह चर्चा की शुरुआत कर सकते हैं। संसद का शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर तक चलेगा और आने वाले दिनों में ‘वंदे मातरम’ पर चर्चा हंगामेदार रहने की संभावना है, क्योंकि सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच राष्ट्रगीत को लेकर अलग-अलग राय है।
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