इमरान मसूद ने साफ कहा कि यह मामला सिर्फ हिंदुओं का नहीं है, बल्कि वहां सभी अल्पसंख्यकों को एक तरह से कुचला जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को लगता है कि हिंदू-मुसलमान सिर्फ भारत में ही हैं।
उन्होंने हालिया दौरों का जिक्र करते हुए कहा कि पीएम मोदी पश्चिम बंगाल गए, वहां चुनावी भाषण दिए और असम गए, वहां भी चुनावी भाषण दिए। लेकिन, सवाल यह है कि बांग्लादेश में रहने वाले हिंदू क्या हमारे रिश्तेदार नहीं हैं? उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि वे यहां के हिंदुओं को तो देखते हैं, लेकिन उधर जो लोग मुश्किल में हैं, उनकी तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा।
इमरान मसूद ने यह भी कहा कि पहले भी कांग्रेस ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था। उन्होंने कहा कि जब हमने संसद में खड़े होकर प्रदर्शन किया था, तब जाकर भारत सरकार की आंख खुली थी। उस वक्त कांग्रेस ने मांग की थी कि कम से कम बांग्लादेश में भारत के राजदूत को बुलाकर वहां की सरकार को नोटिस तो दिया जाए और कड़ा संदेश भेजा जाए।
उन्होंने बांग्लादेश को लेकर सरकार से सख्त रुख अपनाने की मांग की। इमरान मसूद ने कहा कि अगर बांग्लादेश भारत विरोधी अड्डा बनता जा रहा है, तो भारत को अपनी सुरक्षा और संप्रभुता के लिए वहां सख्ती दिखानी चाहिए।
इमरान मसूद ने कहा कि हमारा बनाया हुआ मुल्क आज हमें आंख दिखा रहा है और सरकार चुपचाप बैठी हुई है। उनका कहना है कि अगर भारत ने समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए, तो आने वाले समय में हालात और बिगड़ सकते हैं।
