मालेगांव बम धमाके के 17 साल पुराने मामले में एनआईए की विशेष अदालत ने गुरुवार (31 जुलाई) को साध्वी प्रज्ञा ठाकुर समेत सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया। कोर्ट ने कहा कि अभियुक्तों के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिले, केवल संदेह के आधार पर किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता।
इस फैसले पर भाजपा विधायक अतुल भातखळकर ने प्रतिक्रिया दी और ट्वीट किया कि 2008 के मालेगांव विस्फोट केस में सभी आरोपियों को कोर्ट ने बरी किया है।
उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में जिस तरह सोनिया गांधी के नेतृत्व में ‘हिंदू आतंकवाद’ का षड्यंत्र रचा गया, और महाराष्ट्र में जिसे शरद पवार जैसे नेता हवा दे रहे थे| यह फैसला ऐसे सभी साजिशकर्ताओं को करारा जवाब है।
अदालत ने सबूतों के अभाव में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, रमेश उपाध्याय, सुधाकर चतुर्वेदी, अजय राहिरकर, सुधाकर धर द्विवेदी उर्फ शंकराचार्य और समीर कुलकर्णी को दोषमुक्त कर दिया।
इस बीच, एनआईए कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए उमा भारती ने कहा कि जिन कांग्रेस नेताओं ने ‘भगवा आतंकवाद’ शब्द का इस्तेमाल किया, उन्हें अब माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंदुओं को बदनाम करने की कोशिश की गई थी और फैसले से उन्हें राहत मिली है।
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