प्रधानमंत्री पद के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के नाम की लगातार चर्चा हो रही है| हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में भी उनके समर्थकों ने नितिन गडकरी के प्रधानमंत्री बनने की इच्छा जताई थी| साथ ही एक बड़ी जानकारी ये भी सामने आ रही है कि चुनाव से पहले उन्हें विपक्षी पार्टी ने प्रधानमंत्री पद का ऑफर दिया था|
विपक्ष की ओर से नितिन गडकरी को प्रधानमंत्री पद की पेशकश की गई थी| यह प्रस्ताव किसने दिया? ऐसा सवाल उनसे पूछा गया| उन्होंने कहा, ”आज नहीं तो कल मुझे कई लोगों ने ऑफर दिया है| मीडिया में भी ऐसी चर्चा है, जिस सन्दर्भ में मैंने इस प्रस्ताव के बारे में बताया, हमारे देश की समस्या मतभेद नहीं बल्कि विचारहीनता है।
ये बात मैंने पत्रकारों के पुरस्कार समारोह में कही थी|आपातकाल के बाद मैं राजनीति में आया| मैं अपनी विचारधारा से कभी समझौता नहीं करूंगा| इसलिए जब मुझे प्रधानमंत्री पद की पेशकश की गई तो मैंने उनसे पूछा कि आप मुझे प्रधानमंत्री क्यों बनाना चाहते हैं? प्रधानमंत्री बनना मेरे जीवन का लक्ष्य नहीं है|चुनाव से पहले और चुनाव के बाद भी मुझे ऐसे ऑफर मिले| लेकिन उनके प्रस्ताव पर विचार करने का सवाल ही नहीं उठता| क्योंकि मैं अपनी विचारधारा से समझौता नहीं करता|
मैं किसी का नाम नहीं लेना चाहता: इसके अलावा, आपको शरद पवार, उद्धव ठाकरे, सोनिया गांधी की पेशकश किसने की? आपका सर्वदलीय संबंध है, तो प्रस्ताव किसने दिया? क्या यह पेशकश केंद्रीय नेता ने की थी या राज्य के नेता ने? ऐसे कई सवाल पूछे गए| साथ ही एक बड़ी जानकारी ये भी सामने आ रही है कि चुनाव से पहले उन्हें विपक्षी पार्टी ने प्रधानमंत्री पद का ऑफर दिया था| इस संबंध में उन्होंने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में विस्तार से अपना पक्ष रखा|
क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद आपको प्रमोशन मिलेगा? पूछने पर उन्होंने कहा, मैं आरएसएस का स्वयंसेवक हूं|आप मोदी जी से पूछ सकते हैं, लेकिन मेरे पीएम मोदी के साथ बहुत अच्छे संबंध हैं।
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