राजस्थान में कांग्रेस में छिड़ी रार की आग अभी ठंडी नहीं हुई है। सचिन पायलट को राज्य का मुख्यमंत्री नहीं बनाये जाने पर कांग्रेस से छिटक सकते हैं। कहा जा रहा है कि पायलट राज्य में कई सभाएं कर रहे हैं लेकिन वे बीजेपी के बजाय अपनी सरकार पर निशाना साध रहे हैं।ऐसे में माना जा रहा है कि आने वाले समय में सचिन पायलट पाला बदल सकते हैं। कुछ दिन पहले ही राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिन पायलट को कोरोना कहा था। गहलोत लगातार उन पर निशाना साध रहे हैं। कांग्रेस भी उनको मुख्यमंत्री का सपना दिखाए हुए लेकिन अभी राजस्थान की कुर्सी पर गहलोत ही बैठे हुए हैं।
दरअसल, सचिन पायलट अपने वफादारों और मंत्रियों के साथ राज्य में रैलियां आयोजित कर रहे हैं।उनके इस कदम से राज्य का तापमान बढ़ गया है। माना जा रहा है कि पायलट आगामी चुनाव में खुद को मजबूत मुख्यमंत्री के दावेदार के रूप में सामने लाने की कोशिश है।लेकिन इस दौरान पायलट के रवैये पर सवाल खड़ा होने लगा है। पायलट इस दौरान बीजेपी के बजाय अपनी सरकार की ही पोल खोल रहे हैं।
कांग्रेस आलाकमान द्वारा पायलट की रैलियों की इजाजत दिया है कि इस संशय बना हुआ है। कहा जा रहा है आलाकमान जानबूझकर इस ओर से चुप्पी साध रखा है।आलाकमान के इस रवैये से कई तरह की बहस छिड़ी हुई है। पंजाब में ऐसे ही वर्चस्व को लेकर कांग्रेस के नेताओं में लड़ाई छिड़ी हुई थी। जिसकी वजह से कांग्रेस को सत्ता गंवानी पड़ी थी। कहा जा रहा है कि पंजाब संकट से सबक लेते हुए कांग्रेस का आलाकमान गहलोत के साथ चलने का मन बना चुका है। यही वजह है कि पायलट को अपने आधार को मजबूत करने की चिंता सताने लगी है।
ये भी पढ़ें
संजय राउत “भारत जोड़ो” यात्रा: “इस गठजोड़ से सरकार गिरी”- शेलार !
माइक्रोसॉफ्ट कंपनी में छंटनी: एक भारतीय शख्स का एक इमोशनल लेटर लिखा ?