तिरुपति लडडू विवाद: पूर्व सीएम का “क्षमा अनुष्ठान” आयोजन, प्रदेश की सियासत गरमाई!

प्रसाद में जानवरों की चर्बी और मछली के तेल का उपयोग करने और भक्तों की भावनाओं को आहत करने का अपराध उन्होंने किया है वो माफ करने लायक नहीं है।

तिरुपति लडडू विवाद: पूर्व सीएम का “क्षमा अनुष्ठान” आयोजन, प्रदेश की सियासत गरमाई!

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आंध्र प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध मंदिर तिरुपति बालाजी के लड्डुओं के घी में कथित तौर पर मछली के तेल और जानवरों की चर्बी मिलने की खबर जंगल की आग की तरह तेजी फैली| इस घटना के बाद मंदिर के प्रसाद और उसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगा है| राज्य के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने प्रसादम के लड्डुओं में मिलावट का दावा किया था, जिसके बाद पूरे देश में श्रद्धालु प्रसादम को लेकर चिंता व्यक्त करने लगे थे।

तिरुपति लड्डू प्रसाद विवाद पर धीरे-धीरे राजनीति रंग लेता दिखाई दे रहा है| इस बीच तिरुपति लडडू के प्रसाद में मिलावट को युवाजन श्रमिक रायथु कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी 28 सितंबर को “क्षमा अनुष्ठान” का ऐलान किया गया| इसके तहतवे राज्य के मंदिरों में पूजा-अर्चना में भाग लेंगे। पूर्व सीएम का यह ऐलान उन पर ही भारी पड़ता नजर आ रहा है।

बता दें कि तिरुपति प्रसाद विवाद पर भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) सांसद पी संतोष कुमार ने कहा, ‘जहां तक इस विवाद का सवाल है, सभी राजनीतिक दल चाहे वह वाईएसआर कांग्रेस ही क्यों न हो, इनका आय का मुख्य स्रोत भ्रष्टाचार है। चाहे वह भगवान के नाम पर हो या सड़क के नाम पर। इससे वाईएसआर कांग्रेस और टीडीपी के बीच कोई फर्क नहीं रह जाता।

पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी के क्षमा अनुष्ठान के आयोजन को लेकर सियासत शुरू हो गई है। राजनीतिक दलों के नेताओं ने उन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। टीडीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम कुमार जैन ने कहा, ‘जानकारी के अनुसार पूर्व सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी 28 सितंबर को तिरुमाला मंदिर आएंगे, जहां वह क्षमा अनुष्ठान का आयोजन करेंगे। 

हालांकि, प्रसाद में जानवरों की चर्बी और मछली के तेल का उपयोग करने और भक्तों की भावनाओं को आहत करने का अपराध उन्होंने किया है वो माफ करने लायक नहीं है। चाहें वे अनुष्ठान कर लें, माफी मांग ले मगर उन्हें कभी माफ नहीं किया जा सकता| वह यह सब दिखावा कर रहे हैं। वह जनता को दिखाना चाहते हैं कि उन्होंने कोई पाप नहीं किया है।

एनडीडीबी लैब की रिपोर्ट से पता चला कि शुद्ध घी में शुद्ध दूध में वसा की मात्रा 95.68 से लेकर 104.32 तक होना चाहिए था। लेकिन सैंपल्स में मिल्क फैट की वेल्यू 20 ही पाई गई थी। जिससे इस मिलावटी घी के बारे में खुलासा हुआ। लैब की रिपोर्ट के मुताबिक इन सैंपल में  सोयाबीन, सूरजमुखी, जैतून का तेल, गेंहू, मक्का, कॉटन सीड, मछली का तेल, नारियल, पाम ऑयल, बीफ टैलो, लार्ड जैसे तत्व पाए गए हैं। इस घी को  चेन्नई की AR डेयरी एंड एग्रो प्रोडक्ट्स नाम की कंपनी ने सप्लाई किया था। 

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