पूर्वोत्तर के राज्यों में पीएम मोदी की भविष्यवाणी सच साबित हो रही है। चुनाव प्रचार के दौरान ने मेघालय की राजधानी शिलांग में कहा था कि मर जा मोदी, मर जा मोदी,लेकिन जनता जनार्दन का कहना है कि मोदी तेरा कमल खिलेगा। ऐसा लगता है कि अब पीएम मोदी की यह कहना सफ़ल होता दिख रहा है। पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में हुए मतदान के बाद गुरुवार को इन राज्यों के नतीजे आये। जिसमें बीजेपी ने त्रिपुरा और नागालैंड में बहुमत हासिल करती हुई दिख रही है। जनकी मेघालय में मैच फंसता नजर आ रहा है। यहां एनपीपी 27 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी उभरी है।
लहरा रहा बीजेपी का परचम: नतीजों में त्रिपुरा में 35 सीटों पर बीजेपी आगे चल रही है। जबकि बहुमत के लिए 31 सीटों की जरूरत है। बीजेपी इस बार पांच और झटकने में कामयाब होती दिख रही है। इससे साफ़ होता दिख रहा है कि बीजेपी यहां सरकार बना सकती है। वहीं, नागालैंड की बात करें तो यहां बीजेपी 12 सीटों पर बढ़त बनाये हुए जबकि दो सीटों पर जीत दर्ज कर चुकी है। इसके अलावा मेघालय में एनपीपी ने 24 सीटों पर बढ़त बनाये हुए जबकि 5 सीटों एनपीआर बीजेपी आगे है।देखना होगा कि क्या एक बार फिर बीजेपी यहां सरकार बनाती है की नहीं ,क्योंकि पिछली बार दोनों साथ मिलकर सरकार बनाये थे।जबकि कांग्रेस कहीं भी दिखाई नहीं दे रही है।
त्रिपुरा में बीजेपी को 39 प्रतिशत: देखा जाए तो इन तीनों राज्यों में बीजेपी का वोट शेयर सबसे अच्छा है। पूर्वोत्तर के राज्यों में बेहद कमजोर माने जाने वाली बीजेपी के लिए यह शुभ संकेत है। त्रिपुरा में बीजेपी 39 प्रतिशत वोट शेयर प्राप्त कर सबसे अच्छी स्थिति में है। वहीं ,नागालैंड में बीजेपी कॉम 18 प्रतिशत लोग पसंद करते हैं। जबकि मेघालय में उसे 8 प्रतिशत वोट मिलता दिख रहा है। मेघालय में टीएमसी को 5 प्रतिशत मिलता दिख रहा है। उसे यहां पांच सीट मिलती दिख रही है। खबर यह भी है कि एनपीपी कोनराड संगमा और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मुलाक़ात की है। ऐसे में माना जा रहा है कि मेघालय में एक बार फिर अपने पुराने सहयोगी के साथ बीजेपी सरकार बना सकती है।
कांग्रेस पस्त नजर आ रही: कहा जा रहा है कि बीजेपी के लिए त्रिपुरा की जीत सबसे अहम् होगी। क्योंकि 2018 में सत्ता में आने के बाद यहां दोबारा सत्ता में लौटाना बड़ी बात होगी। बंगाली और आदिवासी बहुल वाले इस राज्य में बीजेपी के लिए यह जीत बहुत मायने रखती है। वहीं कांग्रेस की बात करें तो त्रिपुरा में उसे केवल चार सीट ही मिलती दिखाई दे रही है। उसे मात्र आठ प्रतिशत ही वोट मिलता दिख रहा है जबकि लेफ्ट को 24 प्रतिशत वोट मिल रहे हैं। नागालैंड और मेघालय में भी कांग्रेस के लिए कोई अच्छी खबर नहीं इन दोनों राज्यों भी कांग्रेस पस्त नजर आ रही है।
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