ट्रंप ने व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, “भारत और अमेरिका के बीच खास रिश्ता है। कभी-कभी कुछ मतभेद हो जाते हैं, लेकिन इससे दोस्ती पर असर नहीं पड़ेगा।” इसके तुरंत बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्रंप की भावनाओं की सराहना की और कहा कि भारत-अमेरिका साझेदारी वैश्विक स्तर पर सकारात्मक और रणनीतिक है।
एससीओ सम्मेलन में मोदी, पुतिन और शी जिनपिंग की साझा तस्वीर पर ट्रंप की टिप्पणी से तनाव बढ़ गया था। उन्होंने कहा था कि भारत और रूस शायद चीन के करीब चले गए हैं। हालांकि, अब उनका रुख नरम हुआ है।
व्हाइट हाउस के सलाहकारों ने भारत पर “उच्च टैरिफ से अमेरिकी नौकरियां खत्म करने” का आरोप लगाया। वहीं, वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने कहा कि भारत को तय करना होगा कि वह अमेरिका और डॉलर का समर्थन करेगा या रूस-चीन के साथ खड़ा रहेगा।
भारत की ओर से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट किया कि भारत अपनी ऊर्जा सुरक्षा के लिए रूस से तेल खरीदना जारी रखेगा। उन्होंने कहा, “हम अपने हितों के मुताबिक निर्णय लेंगे।”
यह स्पष्ट है कि टैरिफ विवाद के बावजूद दोनों देश रिश्तों को बचाने की कोशिश में जुटे हैं।
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