अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर मई में हुए भारत-पाकिस्तान सीमा तनाव के दौरान गिराए गए लड़ाकू विमानों की संख्या को लेकर नया दावा किया है। ट्रंप, जो अक्सर इस मुद्दे पर स्वयं को “शांतिदूत” के रूप में प्रस्तुत करते रहे हैं, ने इस बार आठ विमानों के गिराए जाने की बात कही है। हालांकि, इस दावे को न तो भारत ने स्वीकार किया है और न ही पाकिस्तान ने इसकी पुष्टि की है।
मियामी में अमेरिका बिज़नेस फ़ोरम को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा, “आप जानते हैं, मैं उन दोनों (भारत और पाकिस्तान) के साथ एक व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहा था, और तभी मैंने एक अखबार के पहले पन्ने पर पढ़ा… मैंने सुना कि वे युद्ध करने जा रहे हैं। सात विमान मार गिराए गए, और आठवां विमान बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया… कुल मिलाकर आठ विमान मार गिराए गए।”
यह पहली बार नहीं है कि ट्रंप ने इस घटना का ज़िक्र किया हो अभी केवल गिरते विमानों के आंकड़े बदले है। पिछले महीनों में वे 60 से अधिक मौकों पर यह दावा दोहराते रहे हैं, लेकिन हर बार विमानों की संख्या बदलती रही है। पहले पाँच, फिर सात और अब आठ।
मई में हुई झड़पों के दौरान भारत ने स्वीकार किया था कि उसे कुछ हवाई हानि हुई, लेकिन साथ ही भारतीय अधिकारियों ने दावा किया था कि पाकिस्तान के 8–10 लड़ाकू विमान, जिनमें अमेरिकी F-16 और चीनी JF-17 शामिल थे, हवा में और ज़मीन पर नष्ट किए गए।
पाकिस्तान ने उस समय भारतीय दावों को खारिज किया था और अपनी तरफ़ से सीमित और नियंत्रित सैन्य प्रतिक्रिया की बात कही थी। ट्रंप ने अपने भाषण में यह भी कहा कि उनके हस्तक्षेप के बिना स्थिति संभावित परमाणु संघर्ष में बदल सकती थी। उन्होंने कहा, “मैंने कहा कि अगर आप युद्ध में हैं, तो अमेरिका कोई व्यापार समझौता नहीं करेगा। वे दोनों परमाणु शक्तियाँ हैं। मैंने दबाव डाला और 24 घंटे में मुझे दोनों देशों से ceasefire पर सहमति की कॉल मिली।”
भारत ने पहले भी ट्रंप के ऐसे दावों को स्पष्ट रूप से अस्वीकार किया है, यह कहते हुए कि युद्धविराम बातचीत सीधे सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से हुई, किसी तीसरे पक्ष की भूमिका नहीं थी।
अंतरराष्ट्रीय मामलों के विश्लेषक बताते हैं कि ट्रंप के बयान अक्सर चुनावी राजनीति से बढ़कर व्यक्तिगत नेतृत्व छवि निर्माण करने और डिप्लोमैटिक क्रेडिट लेने से जुड़े होते हैं। चूंकि संघर्ष के दौरान विमानों के नुकसान का कोई संयुक्त और स्वतंत्र सत्यापन जारी नहीं हुआ, इसलिए आंकड़ों को लेकर भ्रम और बहस जारी है।
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