अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इन दिनों अपनी सरकार में अहम पदों पर नियुक्तियां कर रहे हैं। ट्रम्प ने अधिकांश शीर्ष पदों के लिए नामों की घोषणा कर दी है, जिससे उनके प्रशासन की स्थिति काफी हद तक स्पष्ट हो गई है। ट्रम्प ने कुछ महत्वपूर्ण नियुक्तियां की हैं,जिनसे पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ेंगी। खास तौर पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और विदेश मंत्री के नाम का ऐलान किया गया है|पाकिस्तान के राजनीतिक टिप्पणीकार क़मर चीमा ने कहा है कि नई अमेरिकी सरकार उनके देश के लिए समस्याएं पैदा कर सकती है।
डोनाल्ड ट्रंप के नए प्रशासन के बारे में बात करते हुए कमर चीमा ने अपने एक वीडियो में कहा कि, ‘डोनाल्ड ट्रंप ने मार्को रुबियो को विदेश मंत्री के तौर पर चुना है| मार्को स्पष्ट रूप से भारत समर्थक और पाकिस्तान विरोधी हैं।मार्को सिर्फ बयानों तक ही सीमित नहीं हैं, वह पाकिस्तान के खिलाफ और भारत के पक्ष में भी ऐसे प्रस्ताव ला चुके हैं। इससे साफ पता चलता है कि आने वाले सालों में अमेरिका में भारत का प्रभाव बढ़ेगा और पाकिस्तान की स्थिति कमजोर होगी|
कमर चीमा ने कहा कि यह स्पष्ट है कि जब मार्को विदेश मंत्रालय का कार्यभार संभालेंगे तो उनकी नीतियां लागू की जाएंगी। वह जिस तरह का रुख अपनाएंगे उससे पाकिस्तान के लिए दिक्कतें पैदा होंगी| ऐसे में इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि आने वाला समय विदेश नीति के लिहाज से पाकिस्तान के लिए मुश्किल भरा हो सकता है|
चीमा ने कहा कि मार्को सिर्फ पाकिस्तान के ही नहीं बल्कि चीन के भी खिलाफ हैं| वे हमास और गाजा पर भी आक्रामक रुख अपनाते हैं और इजराइल को बिना शर्त समर्थन देते हैं। इस रुख से पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ सकती हैं| मार्को ही नहीं ट्रंप के एनएसए माइक वाल्ट्ज भी पाकिस्तान के खिलाफ हैं|
कमर चीमा ने इमरान खान की सरकार के पतन के दौरान हुई घटनाओं का भी जिक्र किया| इमरान खान की सरकार गिराने के लिए अमेरिका पर सवाल उठाए गए| इससे भविष्य में रिश्ते में समस्या पैदा हो सकती हैं।चीमा ने कहा कि ट्रंप प्रशासन के रवैये से लगता है कि पाकिस्तान के पास अब अरब जाने का ही विकल्प बचा है|
चीमा ने तमाम चिंताएं जाहिर करते हुए कहा कि जब नेता सत्ता से बाहर होते हैं और जब सरकार में होते हैं तो उनके बयानों में अंतर होता है| ऐसे में अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों के बारे में भविष्यवाणी करना जल्दबाजी होगी| पाकिस्तान का नेतृत्व भले ही तनाव महसूस कर रहा हो लेकिन पाकिस्तानी सरकार कोई रास्ता निकालने में सक्षम हो सकती है।
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