केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने बुधवार ( 19 मार्च)को राज्यसभा में मोदी सरकार की स्वास्थ्य क्षेत्र में उपलब्धियों को गिनाया। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों में दवाओं और वैक्सीन के लिए वर्षों इंतजार करना पड़ता था, लेकिन कोविड-19 की दो वैक्सीन सिर्फ नौ महीने में विकसित कर दी गईं। जेपी नड्डा ने बताया कि भारत में 20 जनवरी 2020 को पहला कोरोना केस सामने आया था। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 अप्रैल को टास्क फोर्स बनाई और सिर्फ नौ महीनों में देश ने दो-दो वैक्सीन तैयार कर दीं।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे एक वर्ल्ड-क्लास संस्थान है, जिसकी निगरानी में कोरोना टेस्टिंग लैब्स खोली गईं। उन्होंने कहा कि अब चार नए वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट खोले जा रहे हैं, जो जम्मू, बेंगलुरु, डिब्रूगढ़ और जबलपुर में स्थापित किए जाएंगे।
जेपी नड्डा ने कहा कि 2017 से पहले की स्वास्थ्य नीति 20 साल पुरानी थी, जो केवल उपचार पर केंद्रित थी। लेकिन 2017 में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बनी नई नीति समग्र स्वास्थ्य देखभाल पर आधारित है। इसमें बीमारियों के इलाज के साथ-साथ उन्हें रोकने पर भी फोकस किया गया है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पहले आयुर्वेद और एलोपैथी के बीच हमेशा मतभेद रहते थे, लेकिन आज एम्स में क्लास-वन क्वालिटी के आयुष ब्लॉक बनाए जा रहे हैं। साथ ही, एम्स में योग और हृदय रोगों पर शोध किया जा रहा है।
जेपी नड्डा ने बताया कि टीबी टेस्टिंग किट के क्षेत्र में भारत ने बड़ी प्रगति की है। सरकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित हैंडहेल्ड एक्स-रे मशीन ला रही है, जिससे फौरन पता लगाया जा सकेगा कि मरीज को सामान्य टीबी है या मल्टी-ड्रग रेसिस्टेंट टीबी। उन्होंने कहा कि भारत को 2030 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने इसे 2025 तक पूरा करने का निर्देश दिया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को गांव-गांव तक पहुंचाने के लिए सरकार टेली-कंसल्टेशन सेवाओं का विस्तार कर रही है। इससे मानसिक रोगियों को तेजी से परामर्श और इलाज मिल सकेगा।
जेपी नड्डा ने बताया कि 1960 में पं. जवाहरलाल नेहरू ने दिल्ली में पहला एम्स खोला था, लेकिन 1998 तक एक भी नया एम्स नहीं बना। इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने 6 नए एम्स खोले। यूपीए सरकार के 10 साल के कार्यकाल में सिर्फ एक एम्स (रायबरेली) शुरू हुआ। लेकिन 2014 से 2025 के बीच मोदी सरकार 22 नए एम्स बना चुकी है।
जेपी नड्डा ने कहा कि सरकार स्वास्थ्य कर्मियों को राष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षित कर रही है। इसके अलावा, ICMR और IIT संस्थानों के सहयोग से स्वदेशी चिकित्सा उपकरण और किट विकसित किए जा रहे हैं।
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स्वास्थ्य मंत्री ने राज्यसभा में कहा कि मोदी सरकार ने बीमारियों से बचाव और इलाज के लिए बड़े नीतिगत बदलाव किए हैं। नई स्वास्थ्य नीति, तेजी से बनीं वैक्सीन, टीबी और मानसिक स्वास्थ्य पर फोकस, एम्स की संख्या में बढ़ोतरी और आयुर्वेद-एलोपैथी की एकजुटता—इन सब पहलुओं पर भारत ने ऐतिहासिक प्रगति की है।