उदयपुर घोषणा पत्र: कांग्रेस पार्टी को लगा झटका, आईओसी के राष्ट्रीय सचिव का इस्तीफा!

अमेरिका के दौरे का भी पूरा इंतजाम इन्होंने ही किया था। हालांकि अब इनके इस्तीफे से पार्टी को झटका लगा है।

उदयपुर घोषणा पत्र: कांग्रेस पार्टी को लगा झटका, आईओसी के राष्ट्रीय सचिव का इस्तीफा!

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इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव के पद से इस्तीफा देने के बाद में पार्टी में हड़कंप सा मचा हुआ है| बता दें की आईओसी के राष्ट्रीय सचिव के रूप में वीरेंद्र वशिष्ठ नियुक्त किये गए थे|अब तक राहुल गांधी के विदेशों के दौरों का आयोजक की जिम्मेदारी इन्हीं के हाथों में थी| दौरे के दौरान राहुल गांधी को कहा जाना है किससे मिलना है ये सभी रुपरेखा बनाना व तय करना वीरेंद्र वशिष्ठ की देखरेख में किया जाता आ रहा था|

बता दें कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी आजकल अमेरिका के दौरे पर है। वहां से लगातार पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा पर हमला बोल रहे हैं। इस बीच, इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव वीरेंद्र वशिष्ठ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इससे पार्टी को बहुत बड़ा झटका लगा है|

गौरतलब है कि उदयपुर घोषणा पत्र के बाद वीरेंद्र वशिष्ठ ने पद छोड़ने का ऐलान किया। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को अपना इस्तीफा सौंपा। वशिष्ठ ने कहा, ‘उदयपुर घोषणा के अनुसार, मैंने इस भूमिका में पांच साल पूरे कर लिए हैं।’ लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के विदेशी दौरों के मुख्य आयोजक वीरेंद्र वशिष्ठ थे।अमेरिका के दौरे का भी पूरा इंतजाम इन्होंने ही किया था। हालांकि अब इनके इस्तीफे से पार्टी को झटका लगा है।

‘एक व्यक्ति एक पद’ की नीति: मई, वर्ष 2022 में कांग्रेस ने राजस्थान के उदयपुर में चिंतन शिविर का आयोजन किया था। शिविर के समापन पर जारी घोषणा पत्र में संगठनात्मक सुधार के तहत ‘एक व्यक्ति एक पद’ की नीति अपनाने की बात कही गई थी। साथ ही पार्टी का नेतृत्व युवाओं को देने और अन्य प्रस्ताव चुनाव के लिए टिकट बंटवारे और पदाधिकारियों के कार्यकाल से संबंधित थे।

अब कोई भी नेता पार्टी में पांच साल तक ही पद पर रह सकेगा। तीन साल संगठन के लिए काम करने के बाद उसे फिर से पद दिया जाएगा। पैराशूट उम्मीदवारों को भी टिकट देने पर रोक लगाई गई थी।कार्य समिति की बैठक में एक परिवार के एक ही सदस्य को टिकट देने के प्रस्ताव पर मुहर लग गई थी। इसके अलावा कहा गया था कि पांच साल संगठन में सक्रिय रहने के बाद ही परिवार के किसी दूसरे नेता को टिकट दिया जाएगा। 

कांग्रेस संगठन को ब्लॉक, मंडल, शहर, जिला और प्रदेश स्तर पर पुनर्गठित करना। नीचे से ऊपर तक 50 फीसदी पद 50 साल से कम उम्र के नेताओं को देना। कांग्रेस कार्यसमिति में भी 50 फीसदी पद पर 50 वर्ष से कम उम्र के नेताओं को लाना। कांग्रेस अध्यक्ष के लिए एक सलाहकार समिति बनाना। शीर्ष स्तर पर संगठन में तीन नए विभागों का गठन। पदाधिकारियों के कामकाज का समय पर मूल्यांकन करना। पार्टी के लिए अच्छा काम करने वालों को इनाम और न करने वालों की छुट्टी करना है|

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