पन्नू की हत्या की साजिश में अमरीकी कोर्ट का भारत सरकार को समन!

केंद्र ने रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा कि यह दावा पूरी तरह से अनुचित और निराधार है

पन्नू की हत्या की साजिश में अमरीकी कोर्ट का भारत सरकार को समन!

'Russian ambassador was helping India in killing Nijjar': Claim made by Khalistani terrorist organization SFJ!

खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंग पन्नू के हत्या की साजिश करने के आरोप में अमेरिकी कोर्ट ने भारत सरकार के शीर्ष अधिकारियों के नाम समन जारी किया है। इस पर केंद्र ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है, विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बयान में कहा कि जैसा कि हमने पहले कहा है कि ये आरोप निराधार है। अब जब ये विशेष मामला दर्ज हो गया है, तो इस बारे में हमारे विचार नहीं बदलेंगे।

विदेश सचिव ने कहा, पन्नू जिस संगठन का नेतृत्व करता है वो एक गैरकानूनी संगठन है जिस पर UAPA के तहत प्रतिबंध लगाए गए है। यह संगठन भारत विरोधी राष्ट्रिय गतिविधी में शामिल होने के कारण इस पर प्रतिबंध लगाए गए है। वहीं अमेरिका ने पन्नू की हत्या के साजिश में R&AW अधिकारी विक्रम यादव और निखिल गुप्ता को आरोपी ठहराया है। निखिल गुप्ता को पिछले साल न्यूयॉर्क में पन्नू की हत्या की साजिश में शामिल होने के आरोप में अमेरिकी सरकार के अनुरोध पर चेक गणराज्य में अरेस्ट कर उसे अमेरिका में प्रत्यर्पित किया गया था।

वहीं न्यूयॉर्क के दक्षिणी जिला कोर्ट ने भारत के पूर्व सामंत गोयल, भारत के राष्ट्रिय सुरक्षा सलाहगार अजित डोभाल सहित निखिल गुप्ता और विक्रम यादव को समन किया है। हालांकि केंद्र ने रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा कि यह दावा पूरी तरह से अनुचित और निराधार है कि पन्नू की हत्या की साजिश में भारतीय एजेंट शामिल थे।

आप को बता दें, भारती सुरक्षा सलाहगार अजित डोभाल कुछ ही दिन पूर्व रूस के दौरे पर थे। उन्होंने रूस के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन को प्रधानमंत्री मोदी के आदेश से यूक्रेन दौरे की ब्रीफिंग दी थी। बढ़ते भारत-रूस के सबंधों से अमेरिका बौखला गया है। विशेषज्ञों ने बताया है, अमेरिका पन्नू की केस को लेवरेज बनाकर राष्ट्रिय सुरक्षा सलाहगार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। साथ ही यूक्रेन-रूस का युद्ध ख़त्म होता है तो अमेरिका की डेमोक्रेटिक पार्टी के हितसंबंध आहत हो सकते है, जिसमें अमेरिकी हथियारों की कंपनियों की निवेशकों के अरबों डॉलर्स का घाटा होगा।

सूत्रों की मानें तो भारत लगातार यूक्रेन-रूस के दरम्यान युद्धविराम की ओर बढ़ रहा है, जिसमें भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहगार, ख़ुफ़िया एजेंसी R&AW के अधिकारी और विदेश मंत्रालय के अधिकारी शांती कायम करने की कोशिश में है। वहीं अमेरिका को आँखों के सामने अरबों डॉलर्स का घटा दिख रहा है।

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बता दें की, आतंकी पन्नू सिख फॉर जस्टिस नाम से खालिस्तानी प्रोपोगेंडा फैलानी वाला संगठन चलता है। उसके पास अमेरिका और कनाडा इन दो देशों की नागरिकता है। पन्नू इससे पहले अमेरिका में कैब ड्राइवर हुआ करता था और अब वकालत करता है। अमेरिका और कनाडा में हिंदू मंदिरों पर आए दिन होने वाले हमलों की एक वजह गुरपतवंत सिंग पन्नू और सिख फॉर जस्टिस संगठन है।

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