उद्धव ठाकरे का ‘इमोशनल अत्याचार’: मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ने को तैयार नहीं 

उद्धव ठाकरे का ‘इमोशनल अत्याचार’: मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ने को तैयार नहीं 

महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच सीएम उद्धव ठाकरे ने फेसबुक के जरिये दिए जनता को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि शिवसेना कभी हिंदुत्व से अलग नहीं हुई। हिंदुत्व हमारी सांस में है। शिवसेना और हिंदुत्व एक सिक्के दो पहलू हैं। उन्होंने कहा कि यह बात करने का समय नहीं है कि हिंदुत्व के लिए किसने क्या किया है। मैं बाला साहेब के हिंदुत्व को आगे ले जाने की कोशिश कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में मुझे ज्यादा अनुभव नहीं था, बावजूद इसके महाराष्ट्र सरकार ने अच्छा काम किया। इसी का नतीजा रहा कि देश में हुए एक सर्वे में मुझे टॉप 5 में रहने का मौका मिला था।

मैं हैरान और हैरान हूं क्योंकि अगर कांग्रेस और एनसीपी ने कहा कि मुझे सीएम नहीं बनना चाहिए तो यह अलग है, लेकिन आज कमलनाथ ने भी कहा कि मुझे सीएम बनना चाहिए। इसके बावजूद अगर मेरी पार्टी के लोग कह रहे हैं कि मुझे सीएम नहीं बनना चाहिए तो मै इस्तीफा देने को तैयार हूं। उद्धव ठाकरे ने साफ किया की वे कोरोना पॉज़िटिव हैं। यह आज यानी बुधवार को आई रिपोर्ट से मालूम हुआ। उन्होंने कहा कि बाला साहेब ठाकरे की मृत्यु के बाद 2014 में हमने हिंदुत्व पर चुनाव लड़ा और जीत कर आये।
उन्होंने कहा कि, अगर कोई भी शिवसैनिक कह दे वह मुझे मुख्यमंत्री के रूप में नहीं देखना चाहता है। तो  मै पद छोड़ने को तैयार हूं। लेकिन इसके लिए सूरत या अन्य जहाज जाने की क्या जरूरत है। उन्होंने कहा कि एक तरफ यह कहना कि शिवसेना से गद्दारी नहीं कर रहे दूसरी तरफ ऐसा करना क्या ठीक है? बता दें कि शिवसेना एकनाथ शिंदे सहित विधायकों को मनाने में नाकाम रही। वहीं,एकनाथ शिंदे के गुट ने 34 विधायकों का समर्थन दिखाते हुए राज्यपाल को चिट्ठी लिखी है। बताया जा रहा है कि फेसबुक मीटिंग के बाद शरद पवार से मुलाक़ात करेंगे। इस दौरान मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस पर्यवेक्षक कमलनाथ भी उपस्थित रहेंगे।
इससे पहले संजय राउत ने एक ट्वीट किया है। जिसमें उन्होंने कहा कि राज्य की मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम विधानसभा भंग करने की ओर बढ़ रहा है। ऐसे में अटकलें लगाई जाने लगी है कि शिवसेना सरकार राज्यपाल से विधान सभा भंग करने की सिफारिश कर सकती है। कहा जा रहा है कि बीजेपी शिंदे गुट के साथ मिलकर सरकार बनाने की दावा कर सकती है।

वहीं, शिवसेना ने विधायकों के लिए व्हिप जारी की गई है।और उन्हें बैठक में शामिल होने को कहा है। जबकि एकनाथ शिंदे ने इस व्हिप को गलत बताया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि शिवसेना विधायक भरत गोगावले को शिवसेना विधानमंडल का मुख्य प्रतिनिधि नियुक्त किया गया है। इसीलिए सुनील प्रभु द्वारा जारी किया गया व्हिप क़ानूनी रूप से अमान्य है।

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