भारतीय राजनीति की यह विडंबना है कि सियासी लड़ाई निजी बन जाती है। जो दुखदाई है। शनिवार को महाराष्ट्र की सियासी लड़ाई तोड़फोड़ से होते हुए बाप तक पहुंच गई। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि एकनाथ शिंदे पहले अब दास बन गए है। उन्होंने कहा कि अगर शिंदे में हिम्मत हो तो वे अपने बाप के नाम पर वोट मांग कर दिखाएं। मेरे बाप यानी बाला साहेब ठाकरे के नाम पर न मांगे।
उद्धव ठाकरे ने शनिवार को शिवसेना के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक ली।जिसमें चुनाव आयोग को एक पत्र लिखा गया। इस बैठक में तीन प्रस्ताव पारित किये गए।पहला उद्धव ठाकरे बागी विधायकों पर कार्रवाई करेंगे। उद्धव ठाकरे में भरोसा जताना और मराठी अस्मिता के साथ हिंदुत्व पर कायम रहने की बात कही गई। इसी बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि बाला साहेब ठाकरे के नाम का दुरूपयोग रोका जाए। इस संबंध में शिवसेना ने चुनाव आयोग एक पत्र भी लिखा है।
एकनाथ शिंदे के पार्टी की घोषणा, नाम में बालासाहेब ठाकरे का जिक्र !