विशेषज्ञों ने कहा, “हम पिछले कुछ महीनों से बलूच कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी और गायब होने की बढ़ती रिपोर्ट्स पर चिंतित हैं। हाल ही में हुई हिंसक घटनाओं ने हमारी चिंताओं को और बढ़ा दिया है।” 21 मार्च को क्वेटा पुलिस ने बलूचिस्तान विश्वविद्यालय के सामने शांतिपूर्ण बीवाईसी विरोध प्रदर्शन पर बल प्रयोग किया। प्रदर्शनकारी उन कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग कर रहे थे जो गिरफ्तार या गायब कर दिए गए।
रिपोर्ट्स के अनुसार, तीन लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई, जबकि कई लोग घायल हो गए और दर्जनों लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। इस घटना के बाद बीवाईसी ने, 21 मार्च को पुलिस कार्रवाई में मारे गए लोगों के शवों के साथ पुलिस हिंसा का विरोध करने के लिए एक धरना आयोजित किया। इसमें महिला मानवाधिकार रक्षक और बीवाईसी की नेता महरंग बलूच भी शामिल थीं
22 मार्च की सुबह, क्वेटा के सरियाब रोड पर इस प्रदर्शन पर पुलिस ने बल प्रयोग किया और प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठियां और आंसू गैस का इस्तेमाल किया।
महरंग बलूच समेत कई बीवाईसी कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया। महरंग का ठिकाना करीब 12 घंटे तक अज्ञात रहा और उन्हें कथित तौर पर अपने परिवार से मिलने या कानूनी सलाह लेने की अनुमति नहीं दी गई। महरंग और अन्य बीवाईसी सदस्यों पर कथित तौर पर आतंकवाद विरोधी कानून के तहत आरोप लगाए गए हैं।
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