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Tuesday, March 4, 2025
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यूपी विधानसभा: कुलपतियों की नियुक्ति का मुद्दा गरमाया, विपक्ष ने किया वॉकआउट!

सपा विधायकों ने बजट पर चर्चा न कराए जाने के विरोध में सदन के वेल में धरना दिया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

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उत्तर प्रदेश विधानसभा में आज भारी गहमागहमी देखने को मिली जब सपा पार्टी के सदस्यों ने विश्वविद्यालयों में कार्य परिषद के चुनाव न कराए जाने और कुलपतियों की नियुक्तियों में पिछड़ा, दलित एवं अन्य वंचित वर्गों (पीडीए) को उचित प्रतिनिधित्व न दिए जाने का मुद्दा उठाया। सरकार के जवाब से असंतुष्ट सपा सदस्यों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।

इससे पहले, सपा विधायक डॉ. रागिनी सोनकर ने उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के जवाब को असंतोषजनक बताते हुए पूरे प्रश्नकाल के दौरान सदन से वॉकआउट किया। सपा विधायकों ने बजट पर चर्चा न कराए जाने के विरोध में सदन के वेल में धरना दिया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

शून्यकाल में सपा के वरिष्ठ विधायक संग्राम सिंह यादव ने आरोप लगाया कि प्रदेश के 30 विश्वविद्यालयों में से 22 में एक ही वर्ग के कुलपतियों की नियुक्ति की गई है, जिससे पीडीए वर्ग में असंतोष है। उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षों से विश्वविद्यालयों में कार्य परिषद के चुनाव नहीं हुए हैं और कुलपतियों की नियुक्तियों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है। योग्य उम्मीदवारों को नजरअंदाज कर मनमाने ढंग से नियुक्तियां की जा रही हैं।

सपा विधायक डॉ. आरके वर्मा ने भी सरकार पर आरोप लगाया कि लखनऊ विश्वविद्यालय सहित कई अन्य विश्वविद्यालयों में नियुक्तियों में अनियमितता बरती गई है। उन्होंने कहा कि कुलाधिपति द्वारा एक सहायक प्रोफेसर को पदावनत करने के निर्देश के बावजूद लखनऊ विश्वविद्यालय ने उसे प्रोन्नति दे दी। इसके अलावा, शिक्षकों के खिलाफ द्वेषपूर्ण कार्रवाई की जा रही है।

जवाब में उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने विपक्ष के आरोपों को बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा कि कुलपतियों की नियुक्तियां कुलाधिपति द्वारा की जाती हैं और इसमें पीडीए वर्ग को भी प्रतिनिधित्व दिया जाता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कुलपतियों की नियुक्ति में आरक्षण की कोई व्यवस्था नहीं है और कार्य परिषद के चुनाव कराने को लेकर पहले ही निर्देश दिए जा चुके हैं।

सरकार के जवाब से असंतुष्ट सपा सदस्यों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। इससे पहले, सपा नेता माता प्रसाद पांडेय सहित कई विधायकों ने छुट्टा गोवंश से फसलों को होने वाले नुकसान और निराश्रित गोवंशों की बदहाल स्थिति का मुद्दा उठाया।

पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने दावा किया कि सरकार ने निराश्रित गोवंशों के संरक्षण और देखभाल के लिए ₹2,000 करोड़ का बजट आवंटित किया है और प्रभारी अधिकारियों की तैनाती की गई है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि सपा सरकार के समय गायें कसाइयों को देखकर कांपती थीं, लेकिन अब हालात बदल गए हैं, अब कसाई गायों को देखकर कांप रहे हैं। इस दौरान सपा विधायक महबूब अली ने एचएमपीवी वायरस को लेकर चिंता जताई, जिस पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि राज्य सरकार पहले से ही सतर्क है और सभी जिलों में इलाज की पर्याप्त व्यवस्था कर चुकी है।

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