सपा सांसद ने कहा कि राज्यसभा में 21 मार्च को गृह मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा के दौरान जो बात मैंने कही। उसे सभापति ने सदन की कार्यवाही से निकाल दिया। उपराष्ट्रपति हमारे संरक्षक हैं। मैंने उन्हें बताया था कि मुझे धमकियां मिल रही हैं। फिर भी सुरक्षा पर सकारात्मक जवाब नहीं मिला। इसलिए मुझे हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ी।
सुमन ने कहा कि मैं 55 वर्ष की राजनीति में हूं। कभी किसी की जाति या धर्म नहीं पूछा। सिर्फ मुद्दों की राजनीति करता हूं। चाहता हूं कि सभी जाति व धर्मों में आपसी भाईचारा व सद्भाव बना रहे। मैंने राणा सांगा को लेकर जो बात कही थी, वो इतिहासकार सतीश चंद्र की किताब में दर्ज है। भारत सरकार ने एक टीवी सीरियल बनवाया था भारत एक खोज। उसमें भी इस बात का जिक्र था। इससे ज्यादा प्रामाणिक बात तो कोई दूसरी नहीं हो सकती।
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