उत्तर प्रदेश में भाजपा की ओर से पार्टी विस्तार को लेकर एक बड़ा कदम उठाया गया है| इसके तहत रविवार को पूर्वांचल के नौ जिलाध्यक्षों और वाराणसी के महानगर अध्यक्ष के नाम का एलान कर दिया। इनमें चार ओबीसी, दो क्षत्रिय, दो ब्राह्मण और एक भूमिहार समाज से हैं। महिलाओं को प्रतिनिधित्व नहीं मिला है।
हालांकि वाराणसी, जौनपुर, चंदौली और मिर्जापुर के जिलाध्यक्षों के नाम का एलान नहीं हो सका है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक इन जिलों में शीर्ष नेतृत्व से एक बार चर्चा होगी, फिर नाम की घोषणा की जाएगी। भाजपा ने 2027 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए संगठन की रूपरेखा बनानी शुरू कर दी। मंडल अध्यक्ष के बाद जिलाध्यक्ष और महानगर अध्यक्षों की घोषणा में जातिगत सामाजिक समीकरणों का खास ख्याल रखा गया है।
घोषणा में उत्तर प्रदेश में भाजपा की मुख्य विपक्षी दल सपा के पीडीए के काट के रूप में भी देखा जा रहा है। सपा पीडीए में पिछड़ों, दलित और अल्पसंख्यक की बात करती है। भाजपा ने नौ जिलाध्यक्ष व महानगर अध्यक्ष में चार पिछड़े हैं। दो क्षत्रिय और दो ब्राह्मण समाज से आते हैं। एक भूमिहार को प्रतिनिधित्व मिला है।
भाजपा ने चार जिलों में जिलाध्यक्ष की घोषणा नहीं की है। इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी शामिल है। इसके अलावा संगठन के चुनाव प्रभारी पूर्व केंद्रीय मंत्री महेंद्रनाथ पांडेय के चुनाव क्षेत्र चंदौली में भी जिलाध्यक्ष घोषित नहीं किया गया।
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