अमेरिका के राष्ट्रपति ते तौर पर शपथग्रहण के बाद डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार (21 जनवरी) को अपना पहला कार्यकारी आदेश जारी किया। इस आदेश के तहत संयुक्त राज्य अमेरिका के विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से हटने के निर्देश दिए गए है। कोविड-19 महामारी के दौरान इस निकाय पर चीन के प्रभाव का हवाला देते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने यह निर्णय लिया है।
बता दें की राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने WHO से संबंध तोड़ने का यह आदेश दूसरी बार जारी किया है। अपने पहले टर्म में ट्रंप इसी तरह का आदेश दे चुके थे, जिसे जो बिडेन के प्रशासन के तहत उलट दिया गया था। दरअसल जुलाई 2020 में डोनाल्ड ट्रंप और WHO के महानिर्देशक टेड्रोस घेब्रेयसस के बीच विवाद चलता रहा। डोनाल्ड ट्रंप ने घेब्रेयसस पर कोविड-19 महामारी के दौरान दुनिया को गुमराह करने में चीन की मदद करने का आरोप लगाते हुए एक साल के भीतर अमेरिका से हटने के संकेत दिए थे, लेकीन डोनाल्ड ट्रंप की चुनावों में हार के बाद जो बाइडेन ने WHO को अधिक शक्तियां प्रदान की। वहीं राष्ट्रपति ट्रंप के आदेश के बाद वैश्विक स्वास्थ्य निकाय को सैकड़ों मिलियन डॉलर का नुकसान होने वाला है।
ट्रम्प के आदेश में एजेंसियों को “विश्व स्वास्थ्य संगठन को किसी भी अमेरिकी सरकार के फंड, सहायता या संसाधनों के भविष्य के हस्तांतरण को रोकने” और “विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा पहले की गई आवश्यक गतिविधियों को संभालने के लिए विश्वसनीय और पारदर्शी अमेरिकी और अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों की पहचान करने” का निर्देश दिया गया है।
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बता दें की, अमेरिका WHO का सबसे बड़ा दाता होने के देश है और सालों से WHO को संचालन के लिए महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता प्रदान करता है। अमेरिका के हटने से WHO के वैश्विक स्वास्थ्य योजनाएं बाधित होंगी ये बात साफ है।